Monday, March 16, 2020

अच्छी प्रतिरक्षा के लिए मजबूत एंटी-बायोटिक पानी / Strong Anti-biotic Water for good immunity

Strong Anti-biotic Water for good immunity

3-4 cups water
10 gloves
cinnamon
Tej Patta 
Black Pepper
Ginger minced
Garlic whole (5 - 6 piececs from one garlic)
Turmeric 

Put above all in water and give it good 3-4 boil. Drink it whole day in small quantity. After soon body will feel healthy and energetic.  


अच्छी प्रतिरक्षा के लिए मजबूत एंटी-बायोटिक पानी

3-4 कप पानी
10 लौंग
दालचीनी
तेज पत्ता
काली मिर्च
अदरक, महीन पिसा हुआ
लहसुन पूरे (एक लहसुन से 5 - 6 टुकड़े)
हल्दी

पानी में सभी सामग्री डालें और इसे 3-4 उबालें। इसे कम मात्रा में पूरे दिन पिएं। जल्द ही शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करेगा।

Sunday, March 15, 2020

सुक्ष्म अग्नि हवन / Subtle fire


Perform Havan / Subtle fire at home. 

Materials required for:

Large Copper Plate
Medium size clay pot
Incense / Havan packet
Cow dung cake 
Any dry mix of your choice




Place a medium flat clay pot in a large copper plate. Add the Indian Havan material. Add Ghee. Mix the ingredients with a spoon. Add wick dipped in ghee. Your Havan recipe is ready. Ignite the fire. Raise ॐ. Read Gayatri Mantra. Keep mixing with spoon, So that there is proper flow of oxygen.

You can do havan /  subtle fire fire in cold and hot places in any corner of the earth. This will help you in respiratory diseases. Its heat will give you instant warmth. The lungs will benefit.

ॐ tat sat |

घर पर सुक्ष्म अग्नि  हवन कैसे करे |  इसके लिए आवश्यक सामग्री :

कॉपर तश्तरी
मिटटी का बड़ा दिया
हवन सामग्री का पैकेट
कोई दूसरा सुखी सामग्री
गोबर उपला

कॉपर की बड़ी तश्तरी में बड़ा दिया रखें |  उसमें आवश्यकता अनुसार हवन सामग्री डालें |  घी डालें |  चम्मच से सामग्री को मिलाएं |  घी में डूबी हुई बाती डालें |  आपकी हवन विधि तैयार है |  अग्नि को प्रज्ज्वलित करें |  ॐ का ऊच्चारण करें |  गायत्री मन्त्र  पढ़े |  चम्मच से सामग्री मिलाते रहे, ताकि ऑक्सीजन का समुचित प्रवाह हो |

यह सूक्षम अग्नि हवन आप धरती के किसी भी कोने में ठन्डे और गर्म स्थानों पर कर सकतें हैं | इससे आपको स्वसन सम्बन्धी रोगों में सहायता मिलेगी | इसकी उष्मा से आपको तुरंत गर्माहट मिलेगी |  फेफड़ो  को लाभ होगा |

ॐ तत सत ||

V2 - Complete Change / पूर्ण परिवर्तन






V2 - Complete Change each day and every day

Today I will discuss V2 idea / philosophy. This philosophy is root of new of you every day, every hour, every second and every nano seconds. Today to stay competetive we all strive to do better than before whether in health, our behavior , our society, our country, or our universe. 

V2 is mainly version 2 or version next of you. Everyday one should be work on V2 / version 2 or version next of oneself. 

For example - Student is preparing for exam, now how he / she can be V2 student, and get better score, get better on subject learning technique. A person, how can be better at health of his / her own or his / her family, and every moment person can next version of it. 
An industrialist other than current production, how one can bring next phase of production so their product will be more valuable to the society and nation. A nation which wants to better in export, then V2 concept will get Nation to next level of export. 

So overall V2, version next is great philosophy that can add value to any dimension of any entity.


V2 - पूर्ण परिवर्तन हर दिन हर दम


आज मैं V2 विचार / दर्शन पर चर्चा करूंगा। यह दर्शन हर दिन, हर घंटे, हर दूसरे और हर नैनो सेकंड में आपको नया बनाता है। आज प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए हम सभी स्वास्थ्य, हमारे व्यवहार, हमारे समाज, हमारे देश या हमारे ब्रह्मांड की तुलना में पहले से बेहतर करने का प्रयास करते हैं।

V2 मुख्य रूप से आपका संस्करण 2 या नया संस्करण है। और हर रोज़ प्रत्येक को V2 / संस्करण 2 या स्वयं के आगे वाले संस्करण पर काम करना चाहिए।

उदाहरण के लिए - छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहा है, अब वह कैसे / वह V2 छात्र हो सकता है, और बेहतर अंक प्राप्त कर सकता है, विषय सीखने की तकनीक पर बेहतर हो सकता है। एक व्यक्ति, अपने स्वयं के या अपने परिवार के स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बना सकता है, और हर पल व्यक्ति इसके अगले भाग में हो सकता है। वर्तमान उत्पादन के अलावा एक फैक्टरी उत्पादन के अगले चरण को कैसे ला सकता है ताकि उत्पाद समाज और राष्ट्र के लिए अधिक मूल्यवान हो। एक राष्ट्र जो निर्यात में बेहतर करना चाहता है, तो V2 अवधारणा, निर्यात के अगले स्तर तक राष्ट्र को ले जायेगा।

वस्तुत: V2, अगला संस्करण महान दर्शन है जो किसी भी इकाई के किसी भी आयाम में मूल्य वृद्धि करता है।

Tuesday, January 14, 2020


How to connect GOLANG to postgresSQL#GOLANG, #postgres, #postgresSQL, #Code, #program


Team: Today we will learn how to connect GOLANG with postgresSQL, 
Prerequisites: you will require GOLANG, postgresSQL and Visual Studio Code.

in Visual Studio Code, create root workspace 

c:\project\postgresSQL

Create 3 sub folders 

  • bin
  • pkg
  • src

GoLANG folders

Start Terminial -> CTRL + `

Check golang environment variable -> go env 

set GOBIN and GOPATH 

export GOBIN=/c/project/postgres/bin
export GOPATH=/c/project/postgres

change folder to src and get postgresSQL driver




now src folder should have github package and we are all set to write golang / postgresSQL progam 

package main

import (
    "database/sql"
    "fmt"
    "log"

    _ "github.com/lib/pq"
)

type product struct {
    ProductID   int64
    ProductName string
    ProductDesc string
}

func main() {

    connStr := "user=postgres dbname=inventory password=1234 host=localhost port=5432 sslmode=disable"
    dberr := sql.Open("postgres", connStr)
    if err != nil {
        log.Fatal(err)
    }
    defer db.Close()
    fmt.Println("connection success")

    rowserr := db.Query("SELECT * from public.\"products\" order by \"ProductID\"")
    if err != nil {
        log.Fatal(err)
    }
    defer rows.Close()

    for rows.Next() {
        var prodID string
        var prodName string
        var prodDesc string
        err := rows.Scan(&prodID, &prodName, &prodDesc)
        if err != nil {
            log.Fatal(err)
        }
        fmt.Printf("%s .. %s .. %s\n", prodID, prodName, prodDesc)
    }
}

compile and install code 

go build prod.go
go install prod.go

install creates prod.exe in bin folder

start command prompt
go to bin sub folder
run prod.exe










Congratulations!!! you did excellent Job!!!
email me if you have any qusetion!!!

postgres products data in database

postgres output


Friday, May 1, 2015

अमृता डेयरी फार्म्स

प्रस्तुति - दैनिक भास्कर

# Leader
# Creative
# Progressive


फ़ार्म में अपनी गायों के साथ संतोष डी सिंह

यह कहानी संतोष डी सिंह की है जिन्होंने आईटी करियर छोड़कर डेयरी फ़ार्म उद्योग खड़ा किया, आज उनके उद्यम का कुल टर्नओवर 1 करोड़ रुपए सालाना है।
कंपनी : अमृता डेयरी फार्म्स
संस्थापक : संतोष डी सिंह
क्या खास : आईटी सेक्टर प्रोफेशनल द्वारा कम संसाधनों के साथ शुरू किया गया उद्यम जो समय के साथ कामयाब बिजनेस की शक्ल ले चुका है।

बेंगलुरु से तकनीकी शिक्षा में पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री लेने के बाद संतोष डी सिंह को इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में एक अच्छी नौकरी मिल गई। डेल और अमेरिका ऑनलाइन जैसे आईटी सेक्टर के मल्टीनेशनल दिग्गजों के साथ करीब 10 साल तक संतोष ने काम किया। इन 10 सालों के अपने अनुभव को साझा करते हुए संतोष बताते हैं कि ‘उन दिनों भारत में आईटी इंडस्ट्री फल-फूल रही थी। मुझे अपने काम के दौरान दुनिया के कई देशों का सफर करने का मौका मिला। देश-विदेश की यात्रा के बीच मुझे ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले जहां अपने उद्योग के माध्यम से लोग अच्छा कमा रहे थे। यहीं से मुझे एक ऐसा उद्योग शुरू करने की प्रेरणा मिली जिसके जरिए मैं हमेशा प्रकृति के नजदीक रहकर काम कर सकूं। इसी बीच डेयरी फार्मिंग का आइडिया मेरे जेहन में आया।’
संतोष को महसूस हुआ कि भारतीय कृषि की अनिश्चितता को देखते हुए डेयरी फार्मिंग तुलनात्मक रूप से स्थिर और लाभदायक व्यवसाय है। इसी सोच के साथ अपने इस आइडिया को उद्यम में बदलने के लिए संतोष ने अपनी जॉब छोड़ने का फैसला कर लिया। कॉरपोरेट दुनिया की अपनी सुरक्षित नौकरी छोड़ने से पहले संतोष ने अपने परिवार की सहमति हासिल की और फिर अपने आइडिया को उद्योग की शक्ल देने में जी-जान से जुट गए। इस काम में संतोष को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, प्रोसेस इम्प्रूवमेंट, बिजनेस इंटेलिजेंस, एनालिटिक्स और रिसोर्स मैनेजमेंट के वे सभी गुर काम आए जो उन्होंने अपनी जॉब के दौरान सीखे थे।
ट्रेनिंग से हासिल की बुनियादी जानकारी 
फार्मिंग की कोई पृष्ठभूमि होने के कारण संतोष को इस क्षेत्र का कोई तजुर्बा नहीं था। अनुभवहीनता को दूर करने के लिए उन्होंने डेयरी फार्मिंग की ट्रेनिंग लेने का निर्णय लिया और नेशनल रिसर्च डेयरी इंस्टीट्यूट में फुल टाइम ट्रेनिंग के लिए एडमिशन ले लिया। इस ट्रेनिंग के दौरान संतोष को पशुओं के साथ रहकर उनकी देखभाल का व्यावहारिक प्रशिक्षण मिला। इस ट्रेनिंग के बारे में संतोष कहते हैं कि ‘एयर-कंडीशंड वर्कप्लेस की तुलना में डेयरी फार्म के खुले माहौल ने मुझे एनर्जी से भर दिया। खेतों में रहकर ट्रेनिंग पाकर मुझमें यह आत्मविश्वास गया था कि पशुपालन एक आकर्षक पेशा है जिसे मैं लंबे समय तक करना चाहूंगा।’
तीन गायों से हुई शुरुआत 
संतोष ने अपने उद्यम की शुरुआत तीन गायों के साथ अमृता डेयरी फार्म्स के नाम से की। करीब 20 लाख रुपए के इन्वेस्टमेंट के साथ इसकी स्थापना उन्होंने बेंगलुरु से 40 किमी दूर अपने तीन एकड़ के पुश्तैनी खेत में की, जहां नौकरी के दौरान वे वीकेंड बिताने जाते थे। शुरुआत में गायों को नहलाने, दूध निकालने और उनके छप्पर की साफ-सफाई संतोष खुद ही करते थे। धीरे-धीरे संतोष की योजना सफल होने लगी और शुरुआत के पहले ही साल में गायों की संख्या तीन से बढ़कर बीस तक पहुंच गई।
इसी के चलते संतोष ज्यादा गायों के लिए बुनियादी सुविधाएं जुटाने के प्रयास करने लगे। इसी दौरान संतोष को ट्रेनिंग देने वाले एनडीआरआई के एक ट्रेनर का उनके फार्म पर आना हुआ। उन्होंने संतोष को टेक्नोलॉजिकल सपोर्ट के लिए नाबार्ड से सहायता लेने की सलाह दी। इस सलाह पर अमल करते हुए संतोष ने प्रयास किए तो उन्हें नाबार्ड से पूरा सहयोग मिला। इससे अपने काम को और विस्तार देने का प्रोत्साहन मिला और उन्होंने गायों की संख्या बढ़ाकर 100 कर दी।

Sunday, April 19, 2015

माइक्रो चिलर

प्रस्तुति - दैनिक भास्कर

# Leader
# Creative
# Progressive

‘एमबीए करने के बाद मैं एक कंपनी में पंजाब का स्टेट हेड बन चुका था। पोस्टिंग लुधियाना में थी। और 15 लाख रुपए का एनुअल पैकेज। कई बड़ी कंपनियों से जॉब के ऑफर भी थे। लेकिन, उन्हें छोड़कर मैंने मिल्क प्रोसेसिंग का कारोबार शुरू किया। और कुछ दिनों बाद ही मैंने एक माइक्रो चिलर बनाया। डेढ़ साल के अंदर ही काम चल निकला और हमारा सालाना कारोबार एक करोड़ से ज्यादा तक जा पहुंचा। पहले मैं खुद के लिए कमाता था, लेकिन आज मेरे साथ 100 सेे ज्यादा छोटे डेयरी फॉर्मर्स जुड़े हैं। मैं खुश हूं कि, मेरी वजह से उन्हें पहले से ज्यादा फायदा मिल रहा है।'यह मेरे लिए सबसे बड़ी बात है।
15 लाख की जॉब छोड़ शुरू किया दूध का कारोबार, बने करोड़पति












मार्केट में उतारूंगा माइक्रो चिलर
एमबीए पास गौतम अग्रवाल ने बताया कि माइक्रो चिलर छोटे डेयरी फॉर्मर्स को ध्यान में रखकर बनाया है। आम तौर पर मार्केट में मिलने वाली चिलिंग मशीनें साइज में बड़ी हैं और उनकी कीमत भी एक लाख से शुरू होती है। हमने जो माइक्रो चिलर बनाया है इसकी कीमत मात्र 25 हजार रुपए के करीब है और यह साइज में भी छोटा। इस वजह से यह आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। इसकी डिमांड को देखते हुए अब जल्द ही इसे मार्केट में उतारने की सोची है। फिलहाल डेयरी फॉर्मर्स के लिए चिलिंग सेंटर भी खोल रखें हैं।
देशभर के धार्मिक स्थलों में देसी गायों के घी की सप्लाई
मैंने सिर्फ देसी गायों के दूध का कारोबार शुरू किया। साथ ही साथ जुड़े डेयरी फार्मर्स को इन्हें बढ़ावा देने के लिए तकनीकी जानकारियां देनी भी शुरू की। अभी मैं गाय के दूध का रिटेल काराेबार, पनीर और घी का कारोबार कर रहा हूं। हमारे पठानकोट स्थित फार्म से देसी घी देशभर के धार्मिक स्थलों में सप्लाई किया जा रहा है। इसका दायरा और बढ़ाया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि और भी प्रोडक्ट ज्लद मार्केट में जल्द उतारा जाए। अब मैं पनीर, प्री-बायोटिक मिल्क ड्रिंक और मिल्क प्रोडक्ट्स की क्वाॅलिटी में सुधार के लिए शोध में जुटा हूं।

Saturday, April 11, 2015

शक्ति संचय कीजिए


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#inspiration
#motivation
जीवन एक प्रकार का संग्राम है। इसमें घड़ी-घड़ी मे विपरीत परिस्थितियों से, कठिनाइयों से, लड़ना पड़ता है। मनुष्य को अपरिमित विरोधी-तत्त्वों को पार करते हुए अपनी यात्रा जारी रखनी होती है। दृष्टि उठाकर जिधर भी देखिए, उधर ही शत्रुओं से जीवन घिरा हुआ प्रतीत होगा। ‘दुर्बल, सबलों का आहार है’ यह एक ऐसा कड़वा सत्य है, जिसे लाचार होकर स्वीकार करना ही पड़ता है। छोटी मछली को बड़ी मछली खाती है। बड़े वृक्ष अपना पेट भरने के लिए आस-पास के असंख्य छोटे-छोटे पौधों की खुराक झपट लेते हैं। छोटे कीड़ों को चिड़ियाँ खा जाती हैं और उन चिड़ियों को बाज आदि बड़ी चिड़ियाँ कार कर खाती हैं। गरीब लोग अमीरों द्वारा, दुर्बल बलवानों द्वारा सताए जाते हैं। इन सब बातों पर विचार करते हुए हमें इस निर्णय पर पहुँचना होता है कि यदि सबलों का शिकार बनने से, उनके द्वारा नष्ट किए जाने से, अपने को बचाना है तो अपनी दुर्बलता को हटाकर इतनी शक्ति तो कम से कम अवश्य ही संचय करती चाहिए कि चाहे जो कोई यों ही चट न कर जाए।
सांसारिक जीवन में प्रवेश करते हुए यह बात भली प्रकार समझ लेनी चाहिए और समझ कर गाँठ बाँध लेनी चाहिए कि केवल जागरूक और बलवान व्यक्ति ही इस दुनिया में आनंदमय जीवन के अधिकारी हैं।
पं श्रीराम शर्मा आचार्य
-अखण्ड ज्योति- अगस्त 1945 पृष्ठ 3
http://literature.awgp.org/maga…/AkhandjyotiHindi/…/August.3