This blog is designed to motivate people, raise community issues and help them. लोगों को उत्साहित करना, समाज की ज़रुरतों एवं सहायता के लिए प्रतिबद्ध
Sunday, November 4, 2012
दूध
प्रस्तुति : दैनिक भास्कर
यह दूध कुछ खास है। तभी तो इसकी कीमत 75 रुपए प्रति लीटर है। इसके ग्राहकों में शामिल हैं पुणे और मुंबई की 4 हजार से ज्यादा नामी हस्तियां।
मसलन मुकेश अंबानी, सचिन तेंडुलकर, रितिक रोशन, शिल्पा शेट्टी, आदि गोदरेज, गरवारे, शबाना आजमी आदि। पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड दूध उत्पादन की प्रक्रिया में इंसानी हाथों का स्पर्श कतई नहीं है। सब तरह के रसायनों से मुक्त ऑर्गनिक दूध।
यह दूध गायों का है और गायों का रुतबा भी ‘वीआईपी’ से कम नहीं है। खानपान और रहन-सहन सब कुछ आलीशान। भीमाशंकर के पास स्थित 35 करोड़ रुपए लागत के इस फार्म की हर गाय के लिए कॉयरफोम का केरल से मंगाया रबर-कोटिंग वाला खास गद्दा है।
हरेक की कीमत सात हजार रुपए। खाने में अल्फा-अल्फा घास, ओट्स, कॉटनसीड्स जैसी हाईप्रोटीन डाइट का बुफे। रोज नहाने के लिए मल्टीजेट शॉवर।
वे 35 एकड़ के फॉर्म में खुला घूमती हैं। उनके रहने के लिए अलग जगह है, खाने की अलग और सोने के लिए एकदम अलग। डेयरी के अध्यक्ष देवेंद्र शहा कहते हैं, ‘हमारे उपभोक्ता क्वालिटी के प्रति बेहद जागरूक हैं।
Thursday, March 8, 2012
संघर्ष को सलाम
Source: dainik bhaskar news
भोपाल। मेरी आवाज मेरी पहचान : शुभ्रा खरे, उद्घोषक
8 साल बाद एंकरिंग की दुनिया में लौटीं, फिर पाया मुकाम बनाई पहचान
शुभ्रा खरे ने लगभग 8 साल बाद एंकरिंग दोबारा शुरू की। वें एमए प्रीवियस की पढ़ाई कर रही थीं, उसी दौरान शादी और फिर बेटियों ऐश्वर्या और समृद्धि के हो जाने के कारण जॉब छोड़ना पड़ा। पारिवारिक जिम्मेदारियों को सफलता पूर्वक निभाने के बाद एक बार फिर उन्होंने माइक को थामा। टीवी और आकाशवाणी में संचालन का दायित्व निभाया। सफर थोड़ा कठिन था, आठ सालों में संचालन की दुनिया बदल
चुकी थी।
कोशिश : परिवार और हॉबी एक साथ..
माइक पर सधे हुए शब्द और सम्मोहक आवाज के कारण शुभ्रा एक बार फिर आकाशवाणी पर अपनी आवाज और प्रस्तुतिकरण के अंदाज से जादू बिखेर रही हैं। शुभ्रा ने बेटियों के पालनपोषण के कारण एमए प्रीवियस की पढ़ाई के बाद ब्रेक लिया और लंबे समय बाद एमए फाइनल किया।
फैमिली सपोर्ट मेरी स्ट्रेंथ : डॉ. लता सिंह मुंशी, नृत्यांगना
3 साल बाद लौटीं अब एमएलबी गल्र्स कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर
डॉ. लता सिंह मुंशी प्रख्यात भरतनाट्यम नृत्यांगना और एमएलबी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. लता ने बताया कि 1998 में मुझे भारत सरकार के द्वारा चाइना में इंटरनेशनल डांस फेस्टिवल में परफार्म करने का मौका मिला। उसी दौरान मैं प्रेग्नेंट थी। मैंने उस शो को छोड़ दिया। क्योंकि मुझे ईश्वर की अनुपम कृति मां बनने का सौभाग्य प्राप्त करना था। मुझे हाइपोथायराइड था। बहुत मुश्किल से बेटा यमन हुआ।
इरादा : जो चाहा वो कर पाई
डॉ. लता बताती हैं मैंने तीन साल तक अपने डांस के करियर को छोड़ दिया। उसके बाद मैंने पति श्याम जी के सपोर्ट से अपनी डांस की प्रेक्ट्सि शुरू की। मैंने पैसों के लिए नहीं बल्कि खुद की पहचान बनाने के लिए दोबारा करियर को चुना। फिर सें भरतनाट्यम शुरू किया, आज बेहद खुश हूं।
5 साल बाद मिली स्पीड : अपराजिता अग्रवाल, क्रिएटिव हेड
5 साल बाद लौटी एड एजेंसी के प्रोफेशन में, जाना माना नाम बन चुकी हैं
अपराजिता अग्रवाल ने अपनी विलपावर से न केवल एक्सीडेंट के बाद रिकवर किया, बल्कि एड कंपनी में क्रिएटिव हेड के रूप में काम कर रही हैं, साथ ही पत्नी, मां और कारपोरेट वुमन के रूप में बेतहर तालमेल के साथ सफलता हासिल कर रही हैं। अपराजिता ने बताया कि 1995 में एमए गोल्ड मैडलिस्ट होने के बाद मैं एमफिल कर रही थीं तभी मेरा एक्सीडेंट हो गया। बड़ी मुश्किल से रिकवर हुआ। फैमिली के सपोर्ट ने मुझे ताकत दी।
विश्वास : भरोसे की जीत
वे बताती हैं मैंने बेटी शिवानी और अदित्रि के जन्म के समय ब्रेक लिया। दोनों बार मैं अलग प्रोफाइल में काम कर रही थी। एक में जॉब एक में बिजनेस वुमन। उसके बाद क्रिएटिव आर्ट में रूचि होने के कारण एडवरटाइजमेंट की फील्ड में आई। वहां डिजाइनिंग में क्रिएटिव हेड हूं।
बैलेंस फैमिली एंड प्रोफेशन : श्वेता जोशी (शर्मा), शिक्षिका
2 साल बाद लौटी अब फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरॉर पोस्ट पर हैं
श्वेता जोशी (शर्मा) ने कॉस्ट्यूम टेक्नोलॉजी एंड ड्रेस मेकिंग में पढ़ाई करने के बाद 2006 में वूमेंस पॉलीटेक्निक कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के रूप में जॉब जॉइन किया। लेकिन 2009 में प्रेगनेंसी की वजह से ब्रेक लिया। दो साल ब्रेक लेने के बाद फिर फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरार के रूप में काम कर रही हैं। परिवार और टीचिंग में बैलेंस बिठाते हुए अपने दायित्व का सफलता पूर्वक निर्वहन कर रही श्वेता जोशी (शर्मा) एक मिसाल हैं।
मेहनत न थकीं न रुकीं
वे कहती हैं जॉब में ब्रेक लेने की वजह से एजुकेशन को ब्रेक नहीं किया। मैंने एमएसी न्यूट्रीशियन में किया। डाइटीशियन का कोर्स किया। अब बेटा ढाई साल का है। मैं जॉब कर रही हूं। साथ ही एमएससी टेक्सटाइल के बाद पीएचडी भी करूंगी, ताकि अपने बच्चों को भी बेहतर गाइड कर सकूं।
भोपाल। मेरी आवाज मेरी पहचान : शुभ्रा खरे, उद्घोषक
8 साल बाद एंकरिंग की दुनिया में लौटीं, फिर पाया मुकाम बनाई पहचान
शुभ्रा खरे ने लगभग 8 साल बाद एंकरिंग दोबारा शुरू की। वें एमए प्रीवियस की पढ़ाई कर रही थीं, उसी दौरान शादी और फिर बेटियों ऐश्वर्या और समृद्धि के हो जाने के कारण जॉब छोड़ना पड़ा। पारिवारिक जिम्मेदारियों को सफलता पूर्वक निभाने के बाद एक बार फिर उन्होंने माइक को थामा। टीवी और आकाशवाणी में संचालन का दायित्व निभाया। सफर थोड़ा कठिन था, आठ सालों में संचालन की दुनिया बदल
चुकी थी।
कोशिश : परिवार और हॉबी एक साथ..
माइक पर सधे हुए शब्द और सम्मोहक आवाज के कारण शुभ्रा एक बार फिर आकाशवाणी पर अपनी आवाज और प्रस्तुतिकरण के अंदाज से जादू बिखेर रही हैं। शुभ्रा ने बेटियों के पालनपोषण के कारण एमए प्रीवियस की पढ़ाई के बाद ब्रेक लिया और लंबे समय बाद एमए फाइनल किया।
फैमिली सपोर्ट मेरी स्ट्रेंथ : डॉ. लता सिंह मुंशी, नृत्यांगना
3 साल बाद लौटीं अब एमएलबी गल्र्स कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर
डॉ. लता सिंह मुंशी प्रख्यात भरतनाट्यम नृत्यांगना और एमएलबी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. लता ने बताया कि 1998 में मुझे भारत सरकार के द्वारा चाइना में इंटरनेशनल डांस फेस्टिवल में परफार्म करने का मौका मिला। उसी दौरान मैं प्रेग्नेंट थी। मैंने उस शो को छोड़ दिया। क्योंकि मुझे ईश्वर की अनुपम कृति मां बनने का सौभाग्य प्राप्त करना था। मुझे हाइपोथायराइड था। बहुत मुश्किल से बेटा यमन हुआ।
इरादा : जो चाहा वो कर पाई
डॉ. लता बताती हैं मैंने तीन साल तक अपने डांस के करियर को छोड़ दिया। उसके बाद मैंने पति श्याम जी के सपोर्ट से अपनी डांस की प्रेक्ट्सि शुरू की। मैंने पैसों के लिए नहीं बल्कि खुद की पहचान बनाने के लिए दोबारा करियर को चुना। फिर सें भरतनाट्यम शुरू किया, आज बेहद खुश हूं।
5 साल बाद मिली स्पीड : अपराजिता अग्रवाल, क्रिएटिव हेड
5 साल बाद लौटी एड एजेंसी के प्रोफेशन में, जाना माना नाम बन चुकी हैं
अपराजिता अग्रवाल ने अपनी विलपावर से न केवल एक्सीडेंट के बाद रिकवर किया, बल्कि एड कंपनी में क्रिएटिव हेड के रूप में काम कर रही हैं, साथ ही पत्नी, मां और कारपोरेट वुमन के रूप में बेतहर तालमेल के साथ सफलता हासिल कर रही हैं। अपराजिता ने बताया कि 1995 में एमए गोल्ड मैडलिस्ट होने के बाद मैं एमफिल कर रही थीं तभी मेरा एक्सीडेंट हो गया। बड़ी मुश्किल से रिकवर हुआ। फैमिली के सपोर्ट ने मुझे ताकत दी।
विश्वास : भरोसे की जीत
वे बताती हैं मैंने बेटी शिवानी और अदित्रि के जन्म के समय ब्रेक लिया। दोनों बार मैं अलग प्रोफाइल में काम कर रही थी। एक में जॉब एक में बिजनेस वुमन। उसके बाद क्रिएटिव आर्ट में रूचि होने के कारण एडवरटाइजमेंट की फील्ड में आई। वहां डिजाइनिंग में क्रिएटिव हेड हूं।
बैलेंस फैमिली एंड प्रोफेशन : श्वेता जोशी (शर्मा), शिक्षिका
2 साल बाद लौटी अब फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरॉर पोस्ट पर हैं
श्वेता जोशी (शर्मा) ने कॉस्ट्यूम टेक्नोलॉजी एंड ड्रेस मेकिंग में पढ़ाई करने के बाद 2006 में वूमेंस पॉलीटेक्निक कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के रूप में जॉब जॉइन किया। लेकिन 2009 में प्रेगनेंसी की वजह से ब्रेक लिया। दो साल ब्रेक लेने के बाद फिर फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरार के रूप में काम कर रही हैं। परिवार और टीचिंग में बैलेंस बिठाते हुए अपने दायित्व का सफलता पूर्वक निर्वहन कर रही श्वेता जोशी (शर्मा) एक मिसाल हैं।
मेहनत न थकीं न रुकीं
वे कहती हैं जॉब में ब्रेक लेने की वजह से एजुकेशन को ब्रेक नहीं किया। मैंने एमएसी न्यूट्रीशियन में किया। डाइटीशियन का कोर्स किया। अब बेटा ढाई साल का है। मैं जॉब कर रही हूं। साथ ही एमएससी टेक्सटाइल के बाद पीएचडी भी करूंगी, ताकि अपने बच्चों को भी बेहतर गाइड कर सकूं।
संघर्ष को सलाम
Source: dainik bhaskar news
भोपाल। मेरी आवाज मेरी पहचान : शुभ्रा खरे, उद्घोषक
8 साल बाद एंकरिंग की दुनिया में लौटीं, फिर पाया मुकाम बनाई पहचान
शुभ्रा खरे ने लगभग 8 साल बाद एंकरिंग दोबारा शुरू की। वें एमए प्रीवियस की पढ़ाई कर रही थीं, उसी दौरान शादी और फिर बेटियों ऐश्वर्या और समृद्धि के हो जाने के कारण जॉब छोड़ना पड़ा। पारिवारिक जिम्मेदारियों को सफलता पूर्वक निभाने के बाद एक बार फिर उन्होंने माइक को थामा। टीवी और आकाशवाणी में संचालन का दायित्व निभाया। सफर थोड़ा कठिन था, आठ सालों में संचालन की दुनिया बदल
चुकी थी।
कोशिश : परिवार और हॉबी एक साथ..
माइक पर सधे हुए शब्द और सम्मोहक आवाज के कारण शुभ्रा एक बार फिर आकाशवाणी पर अपनी आवाज और प्रस्तुतिकरण के अंदाज से जादू बिखेर रही हैं। शुभ्रा ने बेटियों के पालनपोषण के कारण एमए प्रीवियस की पढ़ाई के बाद ब्रेक लिया और लंबे समय बाद एमए फाइनल किया।
फैमिली सपोर्ट मेरी स्ट्रेंथ : डॉ. लता सिंह मुंशी, नृत्यांगना
3 साल बाद लौटीं अब एमएलबी गल्र्स कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर
डॉ. लता सिंह मुंशी प्रख्यात भरतनाट्यम नृत्यांगना और एमएलबी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. लता ने बताया कि 1998 में मुझे भारत सरकार के द्वारा चाइना में इंटरनेशनल डांस फेस्टिवल में परफार्म करने का मौका मिला। उसी दौरान मैं प्रेग्नेंट थी। मैंने उस शो को छोड़ दिया। क्योंकि मुझे ईश्वर की अनुपम कृति मां बनने का सौभाग्य प्राप्त करना था। मुझे हाइपोथायराइड था। बहुत मुश्किल से बेटा यमन हुआ।
इरादा : जो चाहा वो कर पाई
डॉ. लता बताती हैं मैंने तीन साल तक अपने डांस के करियर को छोड़ दिया। उसके बाद मैंने पति श्याम जी के सपोर्ट से अपनी डांस की प्रेक्ट्सि शुरू की। मैंने पैसों के लिए नहीं बल्कि खुद की पहचान बनाने के लिए दोबारा करियर को चुना। फिर सें भरतनाट्यम शुरू किया, आज बेहद खुश हूं।
5 साल बाद मिली स्पीड : अपराजिता अग्रवाल, क्रिएटिव हेड
5 साल बाद लौटी एड एजेंसी के प्रोफेशन में, जाना माना नाम बन चुकी हैं
अपराजिता अग्रवाल ने अपनी विलपावर से न केवल एक्सीडेंट के बाद रिकवर किया, बल्कि एड कंपनी में क्रिएटिव हेड के रूप में काम कर रही हैं, साथ ही पत्नी, मां और कारपोरेट वुमन के रूप में बेतहर तालमेल के साथ सफलता हासिल कर रही हैं। अपराजिता ने बताया कि 1995 में एमए गोल्ड मैडलिस्ट होने के बाद मैं एमफिल कर रही थीं तभी मेरा एक्सीडेंट हो गया। बड़ी मुश्किल से रिकवर हुआ। फैमिली के सपोर्ट ने मुझे ताकत दी।
विश्वास : भरोसे की जीत
वे बताती हैं मैंने बेटी शिवानी और अदित्रि के जन्म के समय ब्रेक लिया। दोनों बार मैं अलग प्रोफाइल में काम कर रही थी। एक में जॉब एक में बिजनेस वुमन। उसके बाद क्रिएटिव आर्ट में रूचि होने के कारण एडवरटाइजमेंट की फील्ड में आई। वहां डिजाइनिंग में क्रिएटिव हेड हूं।
बैलेंस फैमिली एंड प्रोफेशन : श्वेता जोशी (शर्मा), शिक्षिका
2 साल बाद लौटी अब फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरॉर पोस्ट पर हैं
श्वेता जोशी (शर्मा) ने कॉस्ट्यूम टेक्नोलॉजी एंड ड्रेस मेकिंग में पढ़ाई करने के बाद 2006 में वूमेंस पॉलीटेक्निक कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के रूप में जॉब जॉइन किया। लेकिन 2009 में प्रेगनेंसी की वजह से ब्रेक लिया। दो साल ब्रेक लेने के बाद फिर फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरार के रूप में काम कर रही हैं। परिवार और टीचिंग में बैलेंस बिठाते हुए अपने दायित्व का सफलता पूर्वक निर्वहन कर रही श्वेता जोशी (शर्मा) एक मिसाल हैं।
मेहनत न थकीं न रुकीं
वे कहती हैं जॉब में ब्रेक लेने की वजह से एजुकेशन को ब्रेक नहीं किया। मैंने एमएसी न्यूट्रीशियन में किया। डाइटीशियन का कोर्स किया। अब बेटा ढाई साल का है। मैं जॉब कर रही हूं। साथ ही एमएससी टेक्सटाइल के बाद पीएचडी भी करूंगी, ताकि अपने बच्चों को भी बेहतर गाइड कर सकूं।
भोपाल। मेरी आवाज मेरी पहचान : शुभ्रा खरे, उद्घोषक
8 साल बाद एंकरिंग की दुनिया में लौटीं, फिर पाया मुकाम बनाई पहचान
शुभ्रा खरे ने लगभग 8 साल बाद एंकरिंग दोबारा शुरू की। वें एमए प्रीवियस की पढ़ाई कर रही थीं, उसी दौरान शादी और फिर बेटियों ऐश्वर्या और समृद्धि के हो जाने के कारण जॉब छोड़ना पड़ा। पारिवारिक जिम्मेदारियों को सफलता पूर्वक निभाने के बाद एक बार फिर उन्होंने माइक को थामा। टीवी और आकाशवाणी में संचालन का दायित्व निभाया। सफर थोड़ा कठिन था, आठ सालों में संचालन की दुनिया बदल
चुकी थी।
कोशिश : परिवार और हॉबी एक साथ..
माइक पर सधे हुए शब्द और सम्मोहक आवाज के कारण शुभ्रा एक बार फिर आकाशवाणी पर अपनी आवाज और प्रस्तुतिकरण के अंदाज से जादू बिखेर रही हैं। शुभ्रा ने बेटियों के पालनपोषण के कारण एमए प्रीवियस की पढ़ाई के बाद ब्रेक लिया और लंबे समय बाद एमए फाइनल किया।
फैमिली सपोर्ट मेरी स्ट्रेंथ : डॉ. लता सिंह मुंशी, नृत्यांगना
3 साल बाद लौटीं अब एमएलबी गल्र्स कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर
डॉ. लता सिंह मुंशी प्रख्यात भरतनाट्यम नृत्यांगना और एमएलबी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. लता ने बताया कि 1998 में मुझे भारत सरकार के द्वारा चाइना में इंटरनेशनल डांस फेस्टिवल में परफार्म करने का मौका मिला। उसी दौरान मैं प्रेग्नेंट थी। मैंने उस शो को छोड़ दिया। क्योंकि मुझे ईश्वर की अनुपम कृति मां बनने का सौभाग्य प्राप्त करना था। मुझे हाइपोथायराइड था। बहुत मुश्किल से बेटा यमन हुआ।
इरादा : जो चाहा वो कर पाई
डॉ. लता बताती हैं मैंने तीन साल तक अपने डांस के करियर को छोड़ दिया। उसके बाद मैंने पति श्याम जी के सपोर्ट से अपनी डांस की प्रेक्ट्सि शुरू की। मैंने पैसों के लिए नहीं बल्कि खुद की पहचान बनाने के लिए दोबारा करियर को चुना। फिर सें भरतनाट्यम शुरू किया, आज बेहद खुश हूं।
5 साल बाद मिली स्पीड : अपराजिता अग्रवाल, क्रिएटिव हेड
5 साल बाद लौटी एड एजेंसी के प्रोफेशन में, जाना माना नाम बन चुकी हैं
अपराजिता अग्रवाल ने अपनी विलपावर से न केवल एक्सीडेंट के बाद रिकवर किया, बल्कि एड कंपनी में क्रिएटिव हेड के रूप में काम कर रही हैं, साथ ही पत्नी, मां और कारपोरेट वुमन के रूप में बेतहर तालमेल के साथ सफलता हासिल कर रही हैं। अपराजिता ने बताया कि 1995 में एमए गोल्ड मैडलिस्ट होने के बाद मैं एमफिल कर रही थीं तभी मेरा एक्सीडेंट हो गया। बड़ी मुश्किल से रिकवर हुआ। फैमिली के सपोर्ट ने मुझे ताकत दी।
विश्वास : भरोसे की जीत
वे बताती हैं मैंने बेटी शिवानी और अदित्रि के जन्म के समय ब्रेक लिया। दोनों बार मैं अलग प्रोफाइल में काम कर रही थी। एक में जॉब एक में बिजनेस वुमन। उसके बाद क्रिएटिव आर्ट में रूचि होने के कारण एडवरटाइजमेंट की फील्ड में आई। वहां डिजाइनिंग में क्रिएटिव हेड हूं।
बैलेंस फैमिली एंड प्रोफेशन : श्वेता जोशी (शर्मा), शिक्षिका
2 साल बाद लौटी अब फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरॉर पोस्ट पर हैं
श्वेता जोशी (शर्मा) ने कॉस्ट्यूम टेक्नोलॉजी एंड ड्रेस मेकिंग में पढ़ाई करने के बाद 2006 में वूमेंस पॉलीटेक्निक कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के रूप में जॉब जॉइन किया। लेकिन 2009 में प्रेगनेंसी की वजह से ब्रेक लिया। दो साल ब्रेक लेने के बाद फिर फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरार के रूप में काम कर रही हैं। परिवार और टीचिंग में बैलेंस बिठाते हुए अपने दायित्व का सफलता पूर्वक निर्वहन कर रही श्वेता जोशी (शर्मा) एक मिसाल हैं।
मेहनत न थकीं न रुकीं
वे कहती हैं जॉब में ब्रेक लेने की वजह से एजुकेशन को ब्रेक नहीं किया। मैंने एमएसी न्यूट्रीशियन में किया। डाइटीशियन का कोर्स किया। अब बेटा ढाई साल का है। मैं जॉब कर रही हूं। साथ ही एमएससी टेक्सटाइल के बाद पीएचडी भी करूंगी, ताकि अपने बच्चों को भी बेहतर गाइड कर सकूं।
संघर्ष को सलाम
Source: dainik bhaskar news | Last Updated 01:08(08/03/12)
भोपाल। मेरी आवाज मेरी पहचान : शुभ्रा खरे, उद्घोषक
8 साल बाद एंकरिंग की दुनिया में लौटीं, फिर पाया मुकाम बनाई पहचान
शुभ्रा खरे ने लगभग 8 साल बाद एंकरिंग दोबारा शुरू की। वें एमए प्रीवियस की पढ़ाई कर रही थीं, उसी दौरान शादी और फिर बेटियों ऐश्वर्या और समृद्धि के हो जाने के कारण जॉब छोड़ना पड़ा। पारिवारिक जिम्मेदारियों को सफलता पूर्वक निभाने के बाद एक बार फिर उन्होंने माइक को थामा। टीवी और आकाशवाणी में संचालन का दायित्व निभाया। सफर थोड़ा कठिन था, आठ सालों में संचालन की दुनिया बदल
चुकी थी।
कोशिश : परिवार और हॉबी एक साथ..
माइक पर सधे हुए शब्द और सम्मोहक आवाज के कारण शुभ्रा एक बार फिर आकाशवाणी पर अपनी आवाज और प्रस्तुतिकरण के अंदाज से जादू बिखेर रही हैं। शुभ्रा ने बेटियों के पालनपोषण के कारण एमए प्रीवियस की पढ़ाई के बाद ब्रेक लिया और लंबे समय बाद एमए फाइनल किया।
फैमिली सपोर्ट मेरी स्ट्रेंथ : डॉ. लता सिंह मुंशी, नृत्यांगना
3 साल बाद लौटीं अब एमएलबी गल्र्स कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर
डॉ. लता सिंह मुंशी प्रख्यात भरतनाट्यम नृत्यांगना और एमएलबी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. लता ने बताया कि 1998 में मुझे भारत सरकार के द्वारा चाइना में इंटरनेशनल डांस फेस्टिवल में परफार्म करने का मौका मिला। उसी दौरान मैं प्रेग्नेंट थी। मैंने उस शो को छोड़ दिया। क्योंकि मुझे ईश्वर की अनुपम कृति मां बनने का सौभाग्य प्राप्त करना था। मुझे हाइपोथायराइड था। बहुत मुश्किल से बेटा यमन हुआ।
इरादा : जो चाहा वो कर पाई
डॉ. लता बताती हैं मैंने तीन साल तक अपने डांस के करियर को छोड़ दिया। उसके बाद मैंने पति श्याम जी के सपोर्ट से अपनी डांस की प्रेक्ट्सि शुरू की। मैंने पैसों के लिए नहीं बल्कि खुद की पहचान बनाने के लिए दोबारा करियर को चुना। फिर सें भरतनाट्यम शुरू किया, आज बेहद खुश हूं।
5 साल बाद मिली स्पीड : अपराजिता अग्रवाल, क्रिएटिव हेड
5 साल बाद लौटी एड एजेंसी के प्रोफेशन में, जाना माना नाम बन चुकी हैं
अपराजिता अग्रवाल ने अपनी विलपावर से न केवल एक्सीडेंट के बाद रिकवर किया, बल्कि एड कंपनी में क्रिएटिव हेड के रूप में काम कर रही हैं, साथ ही पत्नी, मां और कारपोरेट वुमन के रूप में बेतहर तालमेल के साथ सफलता हासिल कर रही हैं। अपराजिता ने बताया कि 1995 में एमए गोल्ड मैडलिस्ट होने के बाद मैं एमफिल कर रही थीं तभी मेरा एक्सीडेंट हो गया। बड़ी मुश्किल से रिकवर हुआ। फैमिली के सपोर्ट ने मुझे ताकत दी।
विश्वास : भरोसे की जीत
वे बताती हैं मैंने बेटी शिवानी और अदित्रि के जन्म के समय ब्रेक लिया। दोनों बार मैं अलग प्रोफाइल में काम कर रही थी। एक में जॉब एक में बिजनेस वुमन। उसके बाद क्रिएटिव आर्ट में रूचि होने के कारण एडवरटाइजमेंट की फील्ड में आई। वहां डिजाइनिंग में क्रिएटिव हेड हूं।
बैलेंस फैमिली एंड प्रोफेशन : श्वेता जोशी (शर्मा), शिक्षिका
2 साल बाद लौटी अब फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरॉर पोस्ट पर हैं
श्वेता जोशी (शर्मा) ने कॉस्ट्यूम टेक्नोलॉजी एंड ड्रेस मेकिंग में पढ़ाई करने के बाद 2006 में वूमेंस पॉलीटेक्निक कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के रूप में जॉब जॉइन किया। लेकिन 2009 में प्रेगनेंसी की वजह से ब्रेक लिया। दो साल ब्रेक लेने के बाद फिर फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरार के रूप में काम कर रही हैं। परिवार और टीचिंग में बैलेंस बिठाते हुए अपने दायित्व का सफलता पूर्वक निर्वहन कर रही श्वेता जोशी (शर्मा) एक मिसाल हैं।
मेहनत न थकीं न रुकीं
वे कहती हैं जॉब में ब्रेक लेने की वजह से एजुकेशन को ब्रेक नहीं किया। मैंने एमएसी न्यूट्रीशियन में किया। डाइटीशियन का कोर्स किया। अब बेटा ढाई साल का है। मैं जॉब कर रही हूं। साथ ही एमएससी टेक्सटाइल के बाद पीएचडी भी करूंगी, ताकि अपने बच्चों को भी बेहतर गाइड कर सकूं।
भोपाल। मेरी आवाज मेरी पहचान : शुभ्रा खरे, उद्घोषक
8 साल बाद एंकरिंग की दुनिया में लौटीं, फिर पाया मुकाम बनाई पहचान
शुभ्रा खरे ने लगभग 8 साल बाद एंकरिंग दोबारा शुरू की। वें एमए प्रीवियस की पढ़ाई कर रही थीं, उसी दौरान शादी और फिर बेटियों ऐश्वर्या और समृद्धि के हो जाने के कारण जॉब छोड़ना पड़ा। पारिवारिक जिम्मेदारियों को सफलता पूर्वक निभाने के बाद एक बार फिर उन्होंने माइक को थामा। टीवी और आकाशवाणी में संचालन का दायित्व निभाया। सफर थोड़ा कठिन था, आठ सालों में संचालन की दुनिया बदल
चुकी थी।
कोशिश : परिवार और हॉबी एक साथ..
माइक पर सधे हुए शब्द और सम्मोहक आवाज के कारण शुभ्रा एक बार फिर आकाशवाणी पर अपनी आवाज और प्रस्तुतिकरण के अंदाज से जादू बिखेर रही हैं। शुभ्रा ने बेटियों के पालनपोषण के कारण एमए प्रीवियस की पढ़ाई के बाद ब्रेक लिया और लंबे समय बाद एमए फाइनल किया।
फैमिली सपोर्ट मेरी स्ट्रेंथ : डॉ. लता सिंह मुंशी, नृत्यांगना
3 साल बाद लौटीं अब एमएलबी गल्र्स कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर
डॉ. लता सिंह मुंशी प्रख्यात भरतनाट्यम नृत्यांगना और एमएलबी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. लता ने बताया कि 1998 में मुझे भारत सरकार के द्वारा चाइना में इंटरनेशनल डांस फेस्टिवल में परफार्म करने का मौका मिला। उसी दौरान मैं प्रेग्नेंट थी। मैंने उस शो को छोड़ दिया। क्योंकि मुझे ईश्वर की अनुपम कृति मां बनने का सौभाग्य प्राप्त करना था। मुझे हाइपोथायराइड था। बहुत मुश्किल से बेटा यमन हुआ।
इरादा : जो चाहा वो कर पाई
डॉ. लता बताती हैं मैंने तीन साल तक अपने डांस के करियर को छोड़ दिया। उसके बाद मैंने पति श्याम जी के सपोर्ट से अपनी डांस की प्रेक्ट्सि शुरू की। मैंने पैसों के लिए नहीं बल्कि खुद की पहचान बनाने के लिए दोबारा करियर को चुना। फिर सें भरतनाट्यम शुरू किया, आज बेहद खुश हूं।
5 साल बाद मिली स्पीड : अपराजिता अग्रवाल, क्रिएटिव हेड
5 साल बाद लौटी एड एजेंसी के प्रोफेशन में, जाना माना नाम बन चुकी हैं
अपराजिता अग्रवाल ने अपनी विलपावर से न केवल एक्सीडेंट के बाद रिकवर किया, बल्कि एड कंपनी में क्रिएटिव हेड के रूप में काम कर रही हैं, साथ ही पत्नी, मां और कारपोरेट वुमन के रूप में बेतहर तालमेल के साथ सफलता हासिल कर रही हैं। अपराजिता ने बताया कि 1995 में एमए गोल्ड मैडलिस्ट होने के बाद मैं एमफिल कर रही थीं तभी मेरा एक्सीडेंट हो गया। बड़ी मुश्किल से रिकवर हुआ। फैमिली के सपोर्ट ने मुझे ताकत दी।
विश्वास : भरोसे की जीत
वे बताती हैं मैंने बेटी शिवानी और अदित्रि के जन्म के समय ब्रेक लिया। दोनों बार मैं अलग प्रोफाइल में काम कर रही थी। एक में जॉब एक में बिजनेस वुमन। उसके बाद क्रिएटिव आर्ट में रूचि होने के कारण एडवरटाइजमेंट की फील्ड में आई। वहां डिजाइनिंग में क्रिएटिव हेड हूं।
बैलेंस फैमिली एंड प्रोफेशन : श्वेता जोशी (शर्मा), शिक्षिका
2 साल बाद लौटी अब फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरॉर पोस्ट पर हैं
श्वेता जोशी (शर्मा) ने कॉस्ट्यूम टेक्नोलॉजी एंड ड्रेस मेकिंग में पढ़ाई करने के बाद 2006 में वूमेंस पॉलीटेक्निक कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के रूप में जॉब जॉइन किया। लेकिन 2009 में प्रेगनेंसी की वजह से ब्रेक लिया। दो साल ब्रेक लेने के बाद फिर फैशन टेक्नोलॉजी में लेक्चरार के रूप में काम कर रही हैं। परिवार और टीचिंग में बैलेंस बिठाते हुए अपने दायित्व का सफलता पूर्वक निर्वहन कर रही श्वेता जोशी (शर्मा) एक मिसाल हैं।
मेहनत न थकीं न रुकीं
वे कहती हैं जॉब में ब्रेक लेने की वजह से एजुकेशन को ब्रेक नहीं किया। मैंने एमएसी न्यूट्रीशियन में किया। डाइटीशियन का कोर्स किया। अब बेटा ढाई साल का है। मैं जॉब कर रही हूं। साथ ही एमएससी टेक्सटाइल के बाद पीएचडी भी करूंगी, ताकि अपने बच्चों को भी बेहतर गाइड कर सकूं।
Wednesday, March 7, 2012
मोहब्बत गांव की इस देवी का नेक काम
Source: bhaskar news
हिसार के मंगाली मोहब्बत गांव की सुमित्रा देवी की डच्यूटी सुबह दस बजे गांव में घूमकर बच्चों को इकट्ठा करने से शुरू हो जाती है। मजदूर परिवार से संबंधित सुमित्रा ने गांव की महिलाओं के लिए भी लकड़ी के मणके बनाने का काम शुरू किया।
10 महिलाओं को साथ लिया और फिर जागृति महिला समिति का गठन किया। एक के बाद एक महिला जुड़ती गई और कारवां आठ हजार का आंकड़ा पार कर गया। फिर इन महिलाओं ने अपना ज्वाइंट सेविंग अकाउंट भी खोला। जमा किए गए पैसों से महिलाओं को घरेलू स्तर पर व्यापार शुरू करने के लिए कर्ज देना शुरू किया।
समाज और देश में योगदान
पिछले दिनों सुमित्रा ने पाकिस्तान जाकर मणके से बनाई वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई। पाक उद्योग मंत्री ने उन्हें दोबारा पाकिस्तान आकर महिलाओं को प्रशिक्षित करने का न्यौता दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस ग्रुप को ले जाने की कोशिश कर रही हैं।
सुमित्रा देवी, 40 साल
शिक्षा- 10वीं
कार्यकर्ता . आंगनबाड़ी, हरियाणा
कहती हैं- महिलाओं का खुद अपने पैरों पर खड़ा होना जरूरी।
हिसार के मंगाली मोहब्बत गांव की सुमित्रा देवी की डच्यूटी सुबह दस बजे गांव में घूमकर बच्चों को इकट्ठा करने से शुरू हो जाती है। मजदूर परिवार से संबंधित सुमित्रा ने गांव की महिलाओं के लिए भी लकड़ी के मणके बनाने का काम शुरू किया।
10 महिलाओं को साथ लिया और फिर जागृति महिला समिति का गठन किया। एक के बाद एक महिला जुड़ती गई और कारवां आठ हजार का आंकड़ा पार कर गया। फिर इन महिलाओं ने अपना ज्वाइंट सेविंग अकाउंट भी खोला। जमा किए गए पैसों से महिलाओं को घरेलू स्तर पर व्यापार शुरू करने के लिए कर्ज देना शुरू किया।
समाज और देश में योगदान
पिछले दिनों सुमित्रा ने पाकिस्तान जाकर मणके से बनाई वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई। पाक उद्योग मंत्री ने उन्हें दोबारा पाकिस्तान आकर महिलाओं को प्रशिक्षित करने का न्यौता दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस ग्रुप को ले जाने की कोशिश कर रही हैं।
सुमित्रा देवी, 40 साल
शिक्षा- 10वीं
कार्यकर्ता . आंगनबाड़ी, हरियाणा
कहती हैं- महिलाओं का खुद अपने पैरों पर खड़ा होना जरूरी।
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