Wednesday, June 24, 2009

राहत इन्दौरी साहेब

5 comments:

Udan Tashtari said...

आनन्द आ गया!!

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया!!

नीरज गोस्वामी said...

राहत इन्दौरी साहेब को सुनना एक ना भूलने वाला अनुभव होता है जितना लाजवाब वो लिखते हैं उतनी ही अदाकारी से वो सुनाते भी हैं...
नीरज

राज भाटिय़ा said...

वाह वह आनन्द आ गया जी.
धन्यवाद

दिनेशराय द्विवेदी said...

राहत जी को बहुत सुना है। पर मुशायरे में इन्हें सुनने के चक्कर में बहुत सारे चुटुकले बाजों को झेलना पड़ता है। राहत की शायरी तो है ही, प्रस्तुतिकरण उससे भी शानदार है।