प्रस्तुति नवभारत टाइम्स द्वारा सोमदत्त बसु
कोलकाता।। पहली नजर में अनुराग वर्मा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट,
कोलकाता (आईआ
ईएम-सी ) कैंपस के किसी सामान्य फ्रेशर की तरह दिखते हैं। लंबी-चौड़ी
कद-काठी वाले 23 साल के अनुराग फ्रेशर्स की भीड़ में आसानी से घुल-मिल
जाते हैं। ऐसे में यह जान पाना मुश्किल है कि वह औरों से अलग कैसे हैं।
दरअसल उत्तर रेलवे में टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट इग्जैमिनर ) अनुराग लीयन पर
इस प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल में स्टडी के लिए आए हैं।
जमीन से जुड़ा और सीधा-सादा कानपुर का यह नौजवान 30 मई तक ट्रेनों में
टिकट चेक कर रहा था। उन्होंने इस साल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (कैट) पास किया
और आईआईएम-सी में एडमिशन के लिए जगह बनाई। जब यह खबर अनुराग के घर पहुंची
उस समय वह मुरादाबाद-कानपुर सेक्शन की एक ट्रेन में थे। अनुराग ने स्कूल
की पढ़ाई विद्या निकेतन इंटर कॉलेज कानपुर से की। 2001 में बोर्ड एग्जाम
पास करने के बाद वह स्पेशल रेलवे बोर्ड एग्जाम में शामिल हुए और उनका चयन
एक वोकेशनल कोर्स के लिए हुआ। अनुराग ने उसे जॉइन किया। उसके बाद
उन्होंने दिल्ली स्थित सीबीएसई से संबद्ध स्कूल लुडलो कासल नं.4 से 12वीं
की पढ़ाई की।
शुद्ध हिंदी में अनुराग ने कहा कि रेलवे ने प्लस टू की मेरी पढ़ाई
स्पॉन्सर की और हॉस्टल मुहैया कराया। रुक-रुक कर इंग्लिश बोलने वाले
अनुराग को विश्वास है कि इंस्टिट्यूट में पढ़ाई की राह में इससे बाधा
नहीं आएगी। उन्होंने कहा- मैं अपनी इंग्लिश लैंग्वेज स्किल सुधारने के
लिए मेहनत करूंगा और इसे कभी रुकावट नहीं बनने दूंगा।
5 comments:
वाह!! प्रेरक.
अनुराग के लिए बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं. मेहनत और लगन का परिणाम है यह.
अरे वाह।
मेहनत की सफ़लता मजा ही कुछ और होता है, बधाई अनुराग जी को उनके सुनहले भविष्य के लिये.
बहुत प्रेरणादायक पोस्ट .. अनुराग को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!
अनुराग को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं!
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