‘आज महिलाएं सभी क्षेत्रों में पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं, लेकिन काम के चलते उन्हें अपनी ड्यूटी, मॉरल वेल्यू और फैमिली वेल्यू कभी नहीं भूलना चाहिए।’ यह कहना है होटल लेक व्यू अशोका की पहली महिला जनरल मैनेजर सुभा लक्ष्मी बागची का। भुवनेश्वर से ट्रांसफर होकर हाल ही में भोपाल पहुंची श्रीमती बागची मानती हैं कि समाज में कामकाजी महिलाओं पर दोहरी जिम्मेदारी होती है, इसलिए उन्हें परिवार और जॉब साथ को लेकर चलना आना चाहिए।
सास-ससुर बने प्रेरणा: उड़ीसा की रहने वाली सुभा बताती हैं कि 1984 में उन्होंने इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉपोरेशन (आईटीडीसी) में सीनियर हाउस कीपर के पद से करियर की शुरुआत की। उसी दौरान उनकी शादी हो गई। पति नौकरी करवाना नहीं चाहते थे, लेकिन सास-ससुर ने पूरा सहयोग किया।
उन्होंने साफ कह दिया कि उनकी बहू नौकरी जरूर करेगी। उस प्रेरणा ने ही लक्ष्य को तय करने में मदद की। नौकरी के दौरान हमेशा अपनी जिम्मेदारी को समझा और उनका निर्वाह किया। यह कभी नहीं सोचा कि तरक्की का क्या होगा। शायद वही मेहनत आज जीएम के पद तक लाई है।
परिवार के साथ जॉब मुश्किल नहीं : यह सही है कि कामकाजी महिलाओं पर दोहरी जिम्मेदारी होती है, लेकिन उन्हें इस जिम्मेदारी को समझदारी से निभाना आना चाहिए। पति नागपुर में बैंक ऑॅफ इंडिया में सिक्योरिटी ऑफिसर हैं और बेटा बेंगलुरू में कैमिकल इंजीनियर, लेकिन उसके बाद भी परिवार के सभी सदस्य छुट्टियों में तालमेल बनाकर डेढ़ महीने में एक बार जरूर मिलते हैं, साथ ही फोन पर हमेशा टच में रहते हैं।
करना है कुछ बदलाव: होटल अशोका लेक व्यू में जगह बहुत है, लेकिन उसके मुकाबले में हरियाली बहुत कम। इस मानसून में यहां हरियाली बढ़ाने के लिए विशेष योजना तैयार करने पर विचार किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि यह भोपाल का सबसे ज्यादा हरे-भरे होटल के तौर पर पहचाना जाएगा।
बड़ी झील हो लबालब : भुवनेश्वर से जब भोपाल तबादला हुआ, तो ज्यादातर लोगों से भोपाल ताल के बारे में सुना था, लेकिन यहां आकर पता चला कि ताल का हाल बहुत अच्छा नहीं है। अब तो ईश्वर से यही दुआ है कि इस बार मानसून में ताल फिर लबालब हो जाए।
लड़कियां हों आत्मनिर्भर
आज जमाना बदल गया है, अब अभिभावक खुद लड़कियों की शिक्षा में रुचि लेने लगे हैं, लेकिन लड़कियों को भी चाहिए कि वे आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए पूरी लगन और मेहनत से तैयारी करें। तभी महिलाओं का संपूर्ण विकास हो सकेगा।
सास-ससुर बने प्रेरणा: उड़ीसा की रहने वाली सुभा बताती हैं कि 1984 में उन्होंने इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉपोरेशन (आईटीडीसी) में सीनियर हाउस कीपर के पद से करियर की शुरुआत की। उसी दौरान उनकी शादी हो गई। पति नौकरी करवाना नहीं चाहते थे, लेकिन सास-ससुर ने पूरा सहयोग किया।
उन्होंने साफ कह दिया कि उनकी बहू नौकरी जरूर करेगी। उस प्रेरणा ने ही लक्ष्य को तय करने में मदद की। नौकरी के दौरान हमेशा अपनी जिम्मेदारी को समझा और उनका निर्वाह किया। यह कभी नहीं सोचा कि तरक्की का क्या होगा। शायद वही मेहनत आज जीएम के पद तक लाई है।
परिवार के साथ जॉब मुश्किल नहीं : यह सही है कि कामकाजी महिलाओं पर दोहरी जिम्मेदारी होती है, लेकिन उन्हें इस जिम्मेदारी को समझदारी से निभाना आना चाहिए। पति नागपुर में बैंक ऑॅफ इंडिया में सिक्योरिटी ऑफिसर हैं और बेटा बेंगलुरू में कैमिकल इंजीनियर, लेकिन उसके बाद भी परिवार के सभी सदस्य छुट्टियों में तालमेल बनाकर डेढ़ महीने में एक बार जरूर मिलते हैं, साथ ही फोन पर हमेशा टच में रहते हैं।
करना है कुछ बदलाव: होटल अशोका लेक व्यू में जगह बहुत है, लेकिन उसके मुकाबले में हरियाली बहुत कम। इस मानसून में यहां हरियाली बढ़ाने के लिए विशेष योजना तैयार करने पर विचार किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि यह भोपाल का सबसे ज्यादा हरे-भरे होटल के तौर पर पहचाना जाएगा।
बड़ी झील हो लबालब : भुवनेश्वर से जब भोपाल तबादला हुआ, तो ज्यादातर लोगों से भोपाल ताल के बारे में सुना था, लेकिन यहां आकर पता चला कि ताल का हाल बहुत अच्छा नहीं है। अब तो ईश्वर से यही दुआ है कि इस बार मानसून में ताल फिर लबालब हो जाए।
लड़कियां हों आत्मनिर्भर
आज जमाना बदल गया है, अब अभिभावक खुद लड़कियों की शिक्षा में रुचि लेने लगे हैं, लेकिन लड़कियों को भी चाहिए कि वे आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए पूरी लगन और मेहनत से तैयारी करें। तभी महिलाओं का संपूर्ण विकास हो सकेगा।
2 comments:
श्रीमती बागची को बधाई एवं शुभकामनाऐं.
किसी भी सर्विस उद्योग का मैनेजमेण्ट बहुत चुनौती भरा होता है और होटल इण्डस्ट्री का तो और भी।
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