Tuesday, December 27, 2011

बिहार के लाल

प्रस्तुति - दैनिक भास्कर, सत्यप्रकाश.

भागलपुर.मन में लगन के साथ कुछ करने की चाहत हो तो बेकार समझे जाने वाली चीजों से भी कुछ नया आविष्कार किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है अंग के एक लाल ने।


शहर के नाथनगर नयाटोला के निवासी निक्की कुमार झा ने विद्युत घर से निकले कोयले की राख से बिजली उत्पन्न कर फिर बचे हुए वेस्टेज राख से डैमप्रूफ सीमेंट बनाने की दिशा में एक उपलब्धि हासिल की है। सीमेंट को परीक्षण के लिए आईआइटी कानपुर एवं मद्रास भेजा गया है। जिसकी रिपोर्ट अभी आनी है।

कैसे मिली सफलता ?

वर्तमान में टीएनबी कॉलेज बीएससी भौतिकी प्रथम वर्ष के छात्र निक्की का कहना है कि उसके द्वारा बनाया गया सीमेंट बाजार से सस्ता और मजबूत है। इस सीमेंट से छत बनाया जाय तो इससे छड़ में कभी जंग नहीं लगेगा।

उन्होंने बताया कि जब राख का परीक्षण किया तो पाया कि उसमें सोडियम और कैल्शियम का ऑयन होता है। फिर उसमें सोडियम सल्फाइड को पानी में घुलाकर बाहर कर लिया और कैल्शियम सल्फाइड को रहने दिया और उचित मात्रा में जिप्स मिलाने से सीमेंट तैयार हो गया।

पिता का मिला सहयोग

इस कार्य में उनके पिता सुनील कुमार झा का भी पूरा सहयोग मिला है। उनके पिता वर्तमान में कहलगांव स्थित संत जोसफ स्कूल में भौतिकी के शिक्षक हैं। टीएनबी रसायण शास्त्र के शिक्षक प्रो. राजेश कुमार एवं नवयुग विद्यालय के शिक्षक माधवेन्द्र चौधरी ने सहयोग किया। निक्की के पिता सुनील झा व मां रीना रानी ने बताया कि उसका झुकाव बचपन से ही वैज्ञानिक प्रयोग की तरफ रहा है।

पहले भी दिखा चुका है हुनर

वर्ष 2007 में नरगा स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में निक्की उर्जा रुपान्तरण व प्रबंधन पर मॉडल तैयार कर विज्ञान मेले का टॉपर बना था। दसवीं कक्षा में वर्ष 2010 में कोयले की राख से बिजली तैयार किया। 5 दिसंबर 2010 को बिजली बनाने के बाद बचे हुए अवशिष्ट राख से डैमरोधी सीमेंट तैयार किया। निक्की ने बताया कि 200 ग्राम राख से दो बोल्ट तक बिजली पैदा की जा सकती है।

कुछ ऐसे मिली प्रेरणा

मिक्की ने बताया कि अपने पापा से अक्सर एनटीपीसी द्वारा उत्सर्जित कोयले की राख से फैल रहे प्रदूषण के बारे में वह सुनता था। इसी से प्रेरणा पाकर राख पर काम करना शुरु किया। निक्की ने बताया कि एनटीपीसी और उसके आसपास के क्षेत्रों को प्रदुषण मुक्त करने के दिशा में वह एक प्रोजेक्ट पर काम करने की सोच रहा है। जिसके डिमोस्ट्रेशन के लिए उचित मौके की तलाश में है।

है इच्छा

निक्की ने अपनी इच्छा बताते हुए कहा कि वो अपनी तमाम चीजें जिसे वह करना चाहता है वह राज्य के सीएम नीतीश कुमार के साथ बांटना चाहता है। ताकि एक सही प्लेटफार्म मिल सके। राख से बिजली बनाने के लिए निक्की को इंडियन सेंटर फॉर वाइल्ड लाइफ एंड इन्वायारामेंटल स्टडीज साउथ एशिया रीजन की ओर से पर्यावरण रत्न अवार्ड मिल चुका है।

भारत सरकार के सहयोग से प्रकाशित पुस्तक भूमि संसाधन एवं पृथ्वी ग्रह एनसीटीसी नेटवर्क में 2009 एवं 2010 में निक्की के दो लेख भी प्रकाशित हुए हैं। इसके अलावे वह विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय विज्ञान मेला का टॉपर रहा है। विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए कई पुरस्कार मिले हैं।

जीमेल से फेसबुक तक कंट्रोल करेगा रोबोट

निक्की वर्तमान में सुभारती विवि मेरठ का छात्र रवि कुमार के सहयोग से प्लास्टिक से इंधन निकालने एवं एक ऐसा रोबोट तैयार कर रहे हैं जो मैसेज, फोन, फेसबुक, जी-मेल आदि को भी कंट्रोल कर लेगा। निक्की की इच्छा भविष्य में न्यूक्लियर यूजन को कंट्रोल करना व इस पर नोबेल पुरस्कार जीतना है।

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