प्रस्तुति - जागरण
सुबह से शाम तक भागदौड़ करने में हमारे पैर सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। 28 हड्डियों और 35 जोड़ों से मिलकर बना पांव एक इंसान की पूरी जिंदगी में लाखों किमी की दूरी तय करता है। यदि आप चाहते हैं कि आपके पांव पूरी जिंदगी यूं ही साथ निभाते रहें, तो इसके लिए इनकी थोड़ी देखभाल भी करनी होगी। आइये, बताते हैं कैसे।
नंगे पांव चलें : जूतों के कारण पांव में थकान होती है। यह पांव को कमजोर भी बनाता है। इसलिए रात में जूता उतारने के बाद घर में नंगे पांव चलें। यह पांव की मांसपेशियों के साथ शरीर के लिए भी फायदेमंद होता है। सुबह-सुबह नंगे पांव नम घास या बालू पर चलना भी सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है।
ऐसे दें आराम : पांव को तुरंत आराम देने के लिए एक कुर्सी पर बैठकर खाली बोतल को आगे पीछे करें। बोतल पर बहुत ज्यादा दबाव न डालें।
तलवों की करें सफाई : पांव के तलवों को साफ करने के लिए झांवा या प्यूमिक स्टोन का इस्तेमाल करें। नहीं तो तलवे के किनारों की त्वचा सख्त होकर फटने लगेगी। समस्या बढ़ जाने पर इनसे खून रिसने लगता है और दर्द भी बहुत होता है।
अंगुलियों को व्यायाम कराएं : पांव की अंगुलियों को इधर उधर घुमाएं। इसके अलावा गर्म पानी में नमक डालकर उसमें अपने पांव डुबोकर रखें। पांव को धोने के बाद कोई क्रीम जरूर लगाएं।
नाखून काटते रहें: नाखूनों को नियमित रूप से काटते रहें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि वे किनारे से बहुत छोटे न कट जाएं।
सफाई रखें : पांव को नियमित रूप से साबुन से साफ करें। खासकर पांव की अंगुलियों के बीच के हिस्से को। तलवों के किनारे की त्वचा सख्त हो तो क्रीम या पेट्रोलियम जेली लगाएं।
कसे जूते न पहनें : पांव में फिट जूते ही पहनें। कई लोगों को तलवे में पसीना बहुत आता है। ऐसे लोग सिंथेटिक जूतों के बजाय लेदर के जूते पहनें। सैंडिल एक अच्छा विकल्प हो सकता है। मोजा साफ पहनें। वह बहुत कसे हुए न हों।
डाक्टर की सलाह लें : पांवों की नियमित जांच करें। अगर पांव में दर्द, चकत्ते, छाले, दरार, सूजन या त्वचा का रंग बदलने की शिकायत हो तो फौरन डाक्टर से मिलें। बैठते समय पैरों को क्रास करके न बैठें। इससे रक्त संचार धीमा हो जाता है।
मसाज कराएं : पांव को आराम देने के लिए मसाज कराना काफी फायदेमंद होता है। पांव को साफ करने के साथ यह उनमें ऊर्जा का संचार भी करता है।
This blog is designed to motivate people, raise community issues and help them. लोगों को उत्साहित करना, समाज की ज़रुरतों एवं सहायता के लिए प्रतिबद्ध
Sunday, October 25, 2009
Sunday, October 18, 2009
Saturday, October 17, 2009
Saturday, October 10, 2009
कंस्यूमर फोरम
आपका पैसा आपकी मेहनत है। जब आप बाजार में कुछ खरीद रहे होते हैं, तो दरअसल आप अपनी मेहनत के बदले खरीद रहे होते हैं। इसलिए आप चाहते हैं कि बाजार में आपको धोखा न मिले। इसके लिए आप पूरी सावधानी बरतते हैं। लेकिन बाजार तो चलता ही मुनाफे पर है। अपना मुनाफा बढ़ाने के चक्कर में दुकानदार, कंपनी, डीलर या सर्विस प्रवाइडर्स आपको धोखा दे सकते हैं। हो सकता है आपको बिल्कुल गलत चीज मिल जाए। या फिर उसमें कोई कमी पेशी हो। अगर ऐसा होता है और कंपनी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है, तो चुप न बैठें। आपकी मदद के लिए कंस्यूमर फोरम मौजूद हैं। यहां शिकायत करें। शिकायत करने का पूरा तरीका हम आपको बता रहे हैं।
किसके खिलाफ हो शिकायत ?
कंस्यूमर फोरम में दुकानदार , मैन्युफेक्चर्र , डीलर या फिर सर्विस प्रवाइडर के खिलाफ शिकायत की जा सकती है।
कौन कर सकता है शिकायत ?
1. पीड़ित कंस्यूमर
2. कोई फर्म , भले ही यह रजिस्टर्ड न हो
3. कोई भी व्यक्ति , भले ही वह खुद पीड़ित न हुआ हो
4. संयुक्त हिंदू परिवार
5. को-ऑपरेटिव सोसाइटी या लोगों को कोई भी समूह
6. राज्य या केंद्र सरकारें
7. कंस्यूमर की मौत हो जाने की स्थिति में उसके कानूनी वारिस
कैसे करें शिकायत ?
शिकायत के साथ आपको ऐसे डॉक्युमेंट्स की कॉपी देनी होगी, जो आपकी शिकायत का समर्थन करें। इनमें कैश मेमो, रसीद, अग्रीमेंट्स वैगरह हो सकते हैं। शिकायत की 3 कॉपी जमा करानी होती हैं। इनमें एक कॉपी ऑफिस के लिए और एक विरोधी पार्टी के लिए होती है। शिकायत व्यक्ति अपने वकील के जरिए भी करवा सकता है और खुद भी दायर कर सकता है। शिकायत के साथ पोस्टल ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट के जरिए फीस जमा करानी होगी। डिमांड ड्राफ्ट या पोस्टल ऑर्डर प्रेजिडंट, डिस्ट्रिक्ट फोरम या स्टेट फोरम के पक्ष में बनेगा। हर मामले के लिए फीस अलग-अलग होती है, जिसका ब्यौरा हम नीचे दे रहे हैं।
कहां करें शिकायत ?
20 लाख रुपये तक के मामलों की शिकायत डिस्ट्रिक्ट कंस्यूमर फोरम में की जाती है। 20 लाख रुपये से ज्यादा और एक करोड़ रुपये से कम के मामलों की शिकायत स्टेट कंस्यूमर फोरम में की जाती है। एक करोड़ रुपये से ज्यादा के मामलों के लिए नैशनल कंस्यूमर फोरम में शिकायत होती है। हर कंस्यूमर फोरम में एक फाइलिंग काउंटर होता है, जहां सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक शिकायत दाखिल की जा सकती है।
दिल्ली में सभी कंस्यूमर फोरम के पते और फोन नंबर्स जानने के लिए यहां क्लिक करें ।
फीसः
1. एक लाख रुपये तक के मामले के लिए – 100 रुपये
2. एक लाख से 5 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 200 रुपये
3. 10 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 400 रुपये
4. 20 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 500 रुपये
5. 50 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 2000 रुपये
6. एक करोड़ रुपये तक के मामले के लिए – 4000 रुपये
किसके खिलाफ हो शिकायत ?
कंस्यूमर फोरम में दुकानदार , मैन्युफेक्चर्र , डीलर या फिर सर्विस प्रवाइडर के खिलाफ शिकायत की जा सकती है।
कौन कर सकता है शिकायत ?
1. पीड़ित कंस्यूमर
2. कोई फर्म , भले ही यह रजिस्टर्ड न हो
3. कोई भी व्यक्ति , भले ही वह खुद पीड़ित न हुआ हो
4. संयुक्त हिंदू परिवार
5. को-ऑपरेटिव सोसाइटी या लोगों को कोई भी समूह
6. राज्य या केंद्र सरकारें
7. कंस्यूमर की मौत हो जाने की स्थिति में उसके कानूनी वारिस
कैसे करें शिकायत ?
शिकायत के साथ आपको ऐसे डॉक्युमेंट्स की कॉपी देनी होगी, जो आपकी शिकायत का समर्थन करें। इनमें कैश मेमो, रसीद, अग्रीमेंट्स वैगरह हो सकते हैं। शिकायत की 3 कॉपी जमा करानी होती हैं। इनमें एक कॉपी ऑफिस के लिए और एक विरोधी पार्टी के लिए होती है। शिकायत व्यक्ति अपने वकील के जरिए भी करवा सकता है और खुद भी दायर कर सकता है। शिकायत के साथ पोस्टल ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट के जरिए फीस जमा करानी होगी। डिमांड ड्राफ्ट या पोस्टल ऑर्डर प्रेजिडंट, डिस्ट्रिक्ट फोरम या स्टेट फोरम के पक्ष में बनेगा। हर मामले के लिए फीस अलग-अलग होती है, जिसका ब्यौरा हम नीचे दे रहे हैं।
कहां करें शिकायत ?
20 लाख रुपये तक के मामलों की शिकायत डिस्ट्रिक्ट कंस्यूमर फोरम में की जाती है। 20 लाख रुपये से ज्यादा और एक करोड़ रुपये से कम के मामलों की शिकायत स्टेट कंस्यूमर फोरम में की जाती है। एक करोड़ रुपये से ज्यादा के मामलों के लिए नैशनल कंस्यूमर फोरम में शिकायत होती है। हर कंस्यूमर फोरम में एक फाइलिंग काउंटर होता है, जहां सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक शिकायत दाखिल की जा सकती है।
दिल्ली में सभी कंस्यूमर फोरम के पते और फोन नंबर्स जानने के लिए यहां क्लिक करें ।
फीसः
1. एक लाख रुपये तक के मामले के लिए – 100 रुपये
2. एक लाख से 5 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 200 रुपये
3. 10 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 400 रुपये
4. 20 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 500 रुपये
5. 50 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 2000 रुपये
6. एक करोड़ रुपये तक के मामले के लिए – 4000 रुपये
Wednesday, October 7, 2009
नए विचारों से रोशन होती है राह
उद्यमी बनने के लिए धन से ज्यादा जरूरी है आगे बढ़ने की सोच। इसी सोच के साथ मुंबई के राघव गुप्ता ने सीमित संसाधनों से अपना व्यवसाय शुरू करने का प्रयास किया। राघव को आज लोग मिस्टर कार बाथ के नाम से जानते है। दरअसल राघव ने मुंबई वासियों के लिए डोर टू डोर कार क्लीनिंग सर्विस का विकल्प प्रस्तुत किया। उनकी यह सेवा लोगों को बेहद पसंद आई और उनका यह व्यवसाय चल निकला। उनके जिन दोस्तों ने पहले उनके इस विचार का काफी मजाक उड़ाया था वे आज उनके इस फैसले से बेहद प्रभावित है। राघव की कार क्लीनिंग सर्विस गैराज में उपलब्ध कार क्लीनिंग सर्विस से किसी मामले में कम नहीं है।
मैनेजमेंट ग्रेजुएट राघव कहते है कि व्यस्त जीवन शैली वाले लोगों के लिए गैराज पहुंचकर अपना वाहन धुलाने के लिए समय निकालना आसान नहीं होता, इसलिए हमने सोचा कि क्यों न ऐसे लोगों के लिए डोर टू डोर कार क्लीनिंग सर्विस शुरू की जाए। इस विचार ने मुझे इतना आकर्षित किया कि इसके लिए मैंने अपनी नौकरी तक छोड़ दी। मैंने काफी लंबे समय तक अध्ययन के बाद यह महसूस किया था कि भारत में प्रोफेशनल क्लीनिंग सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। मैंने अत्याधुनिक उपकरण जुटाते हुए चार लोगों के साथ मिलकर कार क्लीनिंग सर्विस शुरू की थी। अब मेरे साथ 11 लोग काम कर रहे है। मुंबई में मेरे इस प्रयोग को लोगों ने काफी पसंद किया है। अब मैं दिल्ली, मुंबई और पुणे जैसे अन्य शहरों में कार क्लीनिंग सर्विस शुरू करना चाहता हूं। राघव गुप्ता को वर्ष 2008 में पेप्सी एम टीवी यूथ आइकॉन अवार्ड के लिए नामित भी किया गया था।
Sunday, October 4, 2009
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