Wednesday, October 7, 2009

नए विचारों से रोशन होती है राह


उद्यमी बनने के लिए धन से ज्यादा जरूरी है आगे बढ़ने की सोच। इसी सोच के साथ मुंबई के राघव गुप्ता ने सीमित संसाधनों से अपना व्यवसाय शुरू करने का प्रयास किया। राघव को आज लोग मिस्टर कार बाथ के नाम से जानते है। दरअसल राघव ने मुंबई वासियों के लिए डोर टू डोर कार क्लीनिंग सर्विस का विकल्प प्रस्तुत किया। उनकी यह सेवा लोगों को बेहद पसंद आई और उनका यह व्यवसाय चल निकला। उनके जिन दोस्तों ने पहले उनके इस विचार का काफी मजाक उड़ाया था वे आज उनके इस फैसले से बेहद प्रभावित है। राघव की कार क्लीनिंग सर्विस गैराज में उपलब्ध कार क्लीनिंग सर्विस से किसी मामले में कम नहीं है।
मैनेजमेंट ग्रेजुएट राघव कहते है कि व्यस्त जीवन शैली वाले लोगों के लिए गैराज पहुंचकर अपना वाहन धुलाने के लिए समय निकालना आसान नहीं होता, इसलिए हमने सोचा कि क्यों न ऐसे लोगों के लिए डोर टू डोर कार क्लीनिंग सर्विस शुरू की जाए। इस विचार ने मुझे इतना आकर्षित किया कि इसके लिए मैंने अपनी नौकरी तक छोड़ दी। मैंने काफी लंबे समय तक अध्ययन के बाद यह महसूस किया था कि भारत में प्रोफेशनल क्लीनिंग सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। मैंने अत्याधुनिक उपकरण जुटाते हुए चार लोगों के साथ मिलकर कार क्लीनिंग सर्विस शुरू की थी। अब मेरे साथ 11 लोग काम कर रहे है। मुंबई में मेरे इस प्रयोग को लोगों ने काफी पसंद किया है। अब मैं दिल्ली, मुंबई और पुणे जैसे अन्य शहरों में कार क्लीनिंग सर्विस शुरू करना चाहता हूं। राघव गुप्ता को वर्ष 2008 में पेप्सी एम टीवी यूथ आइकॉन अवार्ड के लिए नामित भी किया गया था।

3 comments:

उन्मुक्त said...

राघव जी का विचार तो एकदम नया है। ऐसे लोग ही सफल होते हैं।

Udan Tashtari said...

अच्छा विचार है राघव जी का.

राज भाटिय़ा said...

राघव जी का प्रयास अच्छा है,