प्रस्तुति - जागरण न्यूज नेटवर्क
भारतीय खानपान में हल्दी का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है। यह सिर्फ मसाला नहीं बल्कि गुणकारी औषधि भी है। यह खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ शरीर, पेट और त्वचा जैसी कई बीमारियों के इलाज में भी लाभप्रद है। आयुर्वेद में इसे अच्छा एंटीसेप्टिक बताया गया है। पर्याप्त मात्रा में आयरन पाए जाने के कारण हल्दी शरीर में खून का निर्माण करने में मदद करती है।
कनाडा में हुए एक शोध के मुताबिक हल्दी न सिर्फ हार्टअटैक के खतरे से बचाती है बल्कि क्षतिग्रस्त हृदय की मरम्मत भी करती है। यह कैंसर से लेकर अल्जाइमर के रोग के इलाज में काफी उपयोगी होती है। हल्दी का इस्तेमाल किचन के अलावा कई और रोगों के इलाज में किया जा सकता है। हल्दी का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है :
-दमा के मरीजों को दूध में हल्दी चूर्ण मिलाकर सुबह शाम लेना चाहिए।
-मोच या हड्डी टूट जाने पर हल्दी का लेप लगाएं।
-हल्दी और गुड़ को मिलाकर खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
-मुंह में छाले हो जाने पर गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर डालकर कुल्ला करें।
-दरदरी पिसी हल्दी को ताजी मिलाई के साथ मिलाकर चेहरे व हाथ पर लगाने कर सूखने दें। गुनगुने पानी से चेहरा धो ले। त्वचा चमक उठेगी।
-लिवर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होती है।
-मासिक के दिनों में पेट दर्द होने पर गरम पानी के साथ हल्दी को लेने से दर्द से राहत मिलती है।
-प्रतिदिन एक चुटकी हल्दी को खाने से भूख बढ़ती है।
-हल्दी की गांठ को पानी के साथ मिलाकर पिस लें। नहाने से पहले इसे उबटन की तरह लगाएं। हफ्ते भर में त्वचा में निखार आएगा।
-चर्म रोग में हल्दी औषधि का काम करती है।
-बिच्छू, मक्खी जैसे किसी विषैले कीड़े के काटने पर हल्दी का लेप लगाना चाहिए।
- दांतों से पीलापन दूर करने के हल्दी में सेंधा नमक व सरसों का तेल मिलाकर दांतों को साफ करें।
-पीलिया होने पर छाछ में हल्दी को घोलकर पीने से लाभ होता है।
1 comment:
बहुत सुंदर जानकारी
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