Wednesday, March 10, 2010

आलोक श्रीवास्तव (कविता पाठ)

3 comments:

Udan Tashtari said...

विश्व हिन्दी सम्मेलन की इस प्रस्तुति को पुनः सुनकर फिर ताजा लगा...आलोक भाई का जबाब नहीं.

निर्मला कपिला said...

बहुत बहुत धन्यवाद इस प्रस्तुती के लिये। बहुत अच्छा लगा आलोक जी का कविता पाठ।

राज भाटिय़ा said...

आप की यह प्रस्तुति बहुत सुंदर लगी, धन्यवाद