Sunday, April 26, 2009

पलक झपकते छप जाएगी किताब

किताब लिखना जितना श्रमसाध्य काम है उसे छपवाना और भी मुश्किल। प्रकाशक ढूंढते-ढूंढते नए लेखकों की चप्पलें तक घिस जाती हैं। ऊपर से उन्हें प्रकाशकों की तमाम गलत शर्ते भी माननी पड़ती है। लेकिन अब लेखकों को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं।

मशहूर बुक चेन ब्लैकवेल ने पांच मिनट में किताब छापने वाली 'एस्प्रेसो बुक मशीन' [ईबीएम] लांच की है। यह मशीन एक मिनट में 105 पेज छाप सकती है। ब्लैकवेल ने यह योजना कुछ खास वजहों से लांच की है। लोग उसके स्टोर पर किताबें खरीदने आते हैं। पसंद की किताब स्टाक में उपलब्ध नहीं होने पर उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मशीन कंप्यूटर डाटाबेस में मौजूद संस्करण को चंद मिनटों में छापकर आपको दे दी जाएगी। वह भी किताब की मूल कीमत में। यानी छपाई के पैसे भी आपको नहीं देने होंगे। उभरते हुए लेखकों के लिए तो यह मशीन किसी वरदान से कम नहीं। उन्हें प्रकाशकों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं रह जाएगी। उन्हें बस अपनी लिखी किताब को सीडी में लोड करना होगा और किताब मिनटों में छपकर तैयार। यदि योजना सफल रहती है तो मशीन पूरे ब्रिटेन में लगाई जाएगी। ब्लैकवेल का दावा है कि वह लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए अपना डाटाबेस बढ़ा रहा है। पहले चार लाख किताबें डाउनलोड की जाएंगी। उम्मीद है कि गर्मियां खत्म होते-होते यह आंकड़ा 10 लाख पार कर जाएगा।

6 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

यह तो बहुत् अच्छी जानकारी है।धन्यवाद।

Gyan Dutt Pandey said...

यह तो रेस्तरॉ में ऑन डिमाण्ड दोसा बनाने जैसा हो गया!

Vivek Gupta said...

हाँ, मशीन के बाज़ार में आने पर हर कोई अपनी आत्म कथा लिख सकेगा | समाज के लिए अत्यंत लाभदायक होगा |

संगीता पुरी said...

यह तो बहुत बढिया समाचार है ..

सुशील छौक्कर said...

वाह ये तो इंडिया में भी होना चाहिए।

Unknown said...

Yah machine to mujhai bhi chahiya