Thursday, May 26, 2011

गुदड़ी के लाल

स्रोत : जागरण

- मैट्रिक परीक्षा के टॉपर के गांव में जश्न का माहौल
- मां है चिंतित, गरीबी में आगे कैसे होगी पढ़ाई

मुजफ्फरपुर, एनएच -77 से सटे मीनापुर की पूर्वी सीमा पर स्थित मुकसुदपुर गांव में गुरुवार का दिन उल्लास भरा था। हो भी क्यों नहीं, वहां के गुदड़ी के लाल विशाल ने मैट्रिक परीक्षा में जिले में अव्वल आकर गांव का नाम जो रौशन किया है। सुबह से ही गांव के लोगों की जुबान पर बस विशाल का नाम था। हर किसी को उसकी काबिलियत पर गर्व हो रहा था। शाम होते-होते गांव में जश्न का माहौल शुरू हो गया। इस क्रम में एक समारोह का आयोजन कर विशाल को फूल-मालाओं से लाद दिया गया। इस दौरान उसे मिठाइयां खिलाने की होड़ मच गई।

विशाल की सफलता ने पंचायत चुनाव के परिणाम की चर्चाओं पर भी विराम लगा दिया। गांव में उपेक्षित सा रहने वाला विशाल का परिवार आज सबकी नजरों में था। आस-पास के गांवों के लोग भी उसके घर पहुंच कर शुभकामना दे रहे थे। विशाल की मां रीना देवी के लिए यह नया अनुभव था। वह कहती हैं कि विशाल ने सभी का सम्मान बढ़ाया है। अब उसके आगे की पढ़ाई की चिंता हो रही है। वह निजी बीमा कंपनी के एजेंट के रूप में प्रतिमाह एक से डेढ़ हजार रुपये कमाती है। इससे परिवार चलाना मुश्किल है। ऐसे में विशाल ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई करता रहा। विशाल अब विज्ञान विषय से आगे की पढ़ाई करना चाहता है। शारीरिक रूप से विकलांग व मजदूरी करने वाले चाचा लखीन्द्र भगत की तो खुशियों का ठिकाना ही नहीं था। कभी वह विशाल को मिठाई खिलाते तो कभी उसे चूमते। विशाल के पिता बिकाऊ प्रसाद की मौत के बाद लखीन्द्र ने ही परिवार को संभालने का दायित्व निभाया था। विशाल की सफलता ने गांव में उनकी पहचान ही बदल दी है। निवर्तमान उप मुखिया शारदानंद झा कहते हैं कि विशाल की सफलता से गांव गौरवान्वित हुआ है। उसकी मेहनत से गांव को एक नई पहचान मिली है। अन्य छात्रों के लिए यह प्रेरणा का काम करेगा। उनका कहना था कि गरीबी की मार झेल रहे प्रतिभावान विशाल की पढ़ाई के लिए प्रशासन व सरकार को भी आगे आना होगा।

1 comment:

राज भाटिय़ा said...

अरी अम्मा काहे को फ़िक्र करती हे, तेरा लाल लाखो करोडो मे हे, वो खुद रास्ता निकल लेगा ओर आगे पढेगा भी, कर्म योगी कभी मदद की इंतजार नही करते