Thursday, June 2, 2011

पैदल चली, दीये की रोशनी में पढ़ी

स्त्रोत : दैनिक भास्कर , महेंद्र सिंह

नाथूसरी चौपटा. धूप हो या बारिश, पढ़ाई के लिए हर दिन 14 किलोमीटर का सफर, फिर घर के कामकाज में माता-पिता का हाथ बंटाना, रात को दीये की रोशनी में पढ़ाई की। जब रिजल्ट आया तो नंबर आए 97.4 प्रतिशत। यह कहानी है गांव जमाल के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय की दसवीं कक्षा की छात्रा ममता की।

ममता के पिता भरत सिंह खेत-मजदूरी करते हैं और माता बाधो देवी गृहिणी हैं। ममता ने सीमित संसाधनों और सुविधाओं के बीच बड़े-बड़े सपने देखे। मजदूर पिता और गृहिणी माता ने बेटी के सपनों को सपनों को साकार करने के लिए जी तोड़ मेहनत की। लेकिन ममता की राह आसान नहीं थी।

जनवरी में ग्यारहवीं में पढ़ रही उसकी बड़ी बहन सुनीता का हृदयगति रुकने से देहांत हो गया। सदमे के कारण ममता 20 दिन तक तो स्कूल भी नहीं जा सकी। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। ममता ने दोबारा अपने आप को तैयार किया और फिर से जुट गई पढ़ाई में। कुछ ही दिनों में पीछे छूटी पढ़ाई को शिक्षकों की मदद से पूरा कर लिया।

ममता का परिवार जमाल गांव से सात किलोमीटर खेतों में बने कच्चे मकानों की ढाणी में रहता है। ममता के घर पर किसी प्रकार की आधुनिक सुविधा नहीं है। यहां तक की बिजली भी नहीं है। लेकिन ममता ने कभी संसाधनों की कमी का बहाना नहीं बनाया। मिट्टी के तेल के दीये की रोशनी में ही पढ़ाई की। दिन में स्कूल से लौटकर काम में माता-पिता का हाथ बंटाती और रात को पढ़ाई। सुबह पैदल ही स्कूल के लिए निकल जाती और शाम को पैदल ही घर लौटती। ममता का लक्ष्य आईआईटी में दाखिला लेकर इंजीनियर बनना है। अब वह गांव के ही राजकीय संस्कृति मॉडल स्कूल में अंग्रेजी माध्यम में दाखिला लेगी।

मैं तो मजदूरी करणियां हां। मेरो बेटो टेलर है। महां नै बढी खुशी अ कि म्हारी बेटी नैं इत्ता नंबर लिया है। महां नै ममता तई पढ़णगी पूरी छूट दे राखी है। आ जो भी कोर्स करैगी म्हें करांवांगा। कम उ कम म्हें तो कोनी पढ़ सक्यां म्हारी बेटी न तो पाछै कोनी रहण दयां।

भरत सिंह, ममता के पिता

उनके विद्यालय की छात्रा ममता ने राजकीय स्कूल में पढ़ाई कर 97.4 प्रतिशत अंक हासिल किए। ममता शुरू से ही मेधावी छात्रा रही है। मुश्किल परिस्थितियों में भी मुस्कराना ममता की खूबी रही है। हम बाकी विद्यार्थियों को भी उससे प्रेरणा लेने को कहते हैं।

रमेश कुमार, स्कूल के मुख्य अध्यापक

1 comment:

राज भाटिय़ा said...

बहुत मेघावी बच्ची, भगवान करे यह अपनी मजिंल को पा कर मां बाप के सपने पुरे करे, हमारा आशिर्वाद