Wednesday, November 5, 2008

'भलस्वा की चिंगारी'

प्रेम में तल्लीन स्त्री के बहुत-से चेहरे हमने देखे हैं। संयम, शिथिलता और पराकाष्ठा के चेहरे..पर स्त्री का अस्तित्व महज प्रेम तक तो सीमित नहीं! समस्याओं के भस्मासुर से भी स्त्रियां लड़ रही हैं और हां, जीत भी हासिल कर रही हैं।
भलस्वा में ऐसी ही 11 महिलाओं ने एक मंच का गठन किया है। इनका किसी संगठन या सियासी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। बैठने के लिए न दफ्तर है, न अधिकारियों के सामने बात रखने को किसी 'बड़े आदमी' का सहारा। घर ही उनका दफ्तर है और आत्मविश्वास सबसे बड़ा संबल। इसी सहारे से वे क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष कर रही हैं। दावा है कि उन्होंने बिजली की दरें कम कराने से लेकर भलस्वा पुनर्वासित कॉलोनी में हकदारों को जमीन कब्जा दिलाने तक की मुहिम छेड़ी है। यही वजह है कि एमसीडी अधिकारी और पुलिसकर्मी इन महिलाओं को 'भलस्वा की चिंगारी' कहने लगे हैं। समस्या से जूझने का जज्बा उनमें इस कदर है कि कुछ ने तो मंच बनाने के बाद पढ़ना-लिखना भी सीखा। बिजली-पानी की समस्या हो, साफ-सफाई या फिर राशन की, हर दिक्कत के हल के लिए नई मुहिम शुरू की जाती है। इन दिनों ये महिलाएं राशन की धाधली करने वालों से मुकाबले के लिए अभियान चला रही हैं।
मंच से जुड़ी भलस्वा पुनर्वासित कॉलोनी निवासी शकुंतला ने बताया कि इलाके में दूषित पानी की आपूर्ति, बिजली कटौती, राशन में धांधली जैसी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। घर के सभी पुरुष दिन में काम पर चले जाते हैं, इसलिए अधिकारियों तक शिकायत पहुंचाने वाला कोई भी नहीं रहता। ऐसे में हमने 'भलस्वा लोकशक्ति मंच' बनाया। उन्होंने बताया कि तीन वर्ष पहले एमसीडी के अधिकारी कॉलोनी में खाली पड़े प्लाट का सर्वे कर रहे थे। मंच की महिलाओं ने विरोध किया। इसके बाद पूरी दिल्ली की पुनर्वासित कॉलोनियों में होने वाला यह सर्वे बंद हुआ। तब से टाउन हॉल के अधिकारी इन महिलाओं को 'भलस्वा की चिंगारी' कहने लगे हैं।
मंच संचालन पुष्पा करती हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों के पास समस्या लेकर जाने पर वे उन्हें अनपढ़ समझकर दुत्कार देते थे, इसलिए हर सदस्य को बातचीत करने का प्रशिक्षण दिया गया है। अब अधिकारी जानते हैं कि ये महिलाएं सब कुछ जानती हैं, तो वे हमारी बात गंभीरता से सुनने लगे हैं।

2 comments:

पुनीत ओमर said...

संघर्ष बीच में ही न रुकने पाये..
मेरी शुभकामनाये.

makrand said...

aap ne loktatra ki sahi taswir pesh ki
let this momentum goes on at india level
regards