Saturday, May 2, 2009

तू प्यार का सागर है (मन्ना डे)

3 comments:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

एक कालजयी रचना। जब भी सुनो मन भीग जाता है। जितनी बार भी सुनो दिल नहीं भरता।

समयचक्र said...

जितनी बार भी सुनो दिल नहीं भरता.....

हरकीरत ' हीर' said...

बहुत खूब.....मज़ा आ गया पसंदीदा गीत सुन....!!

मेरे पापा को ये गीत बहुत पसंद है वो अक्सर इसे गुनगुनाते रहते हैं.....!!