Saturday, November 28, 2009

बाबा सेवा सिंह

पेड़ पौधे यूं तो पर्यावरण संरक्षण वातावरण की शुद्धता में अपना अतुलनीय योगदान देते ही हैं मगर क्या आप जानते हैं कि अगर इनके द्वारा पर्यावरण, मनुष्य जाति व भूमि को विभिन्न तरीकों के दिए जा रहे योगदान का आकलन किया जाए तो वह कम से कम 98 लाख रुपयों के बराबर होता है। यदि हम पीपल की बात करें तो यह अपने जीवन काल में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक कीमत अदा कर देता है क्योंकि यह एक ऐसा पेड़ है जो 24 घटे आक्सीजन छोड़ता है, व कार्बन डाई आक्साइड इसकी खुराक है।

पेड़ों के इस अतुलनीय योगदान को देखते हुए ही धार्मिक स्थलों, स्कूलों, कालेजों व श्मशान घाटों में पौधे लगाने के बाद खडूर साहिब वाले बाबा सेवा सिंह ने अब सरकारी अस्पतालों की खाली पड़ी भूमि व मेडिकल कालेज में पौधे लगाने का बीड़ा उठाया है। इसी कड़ी के तहत बुधवार को बाबा सेवा सिंह के सहयोगियों ने मजीठा रोड पर स्थित ईएनटी अस्पताल में 500 करीब पौधे लगाए। इनमें क्लोरोडंडा, बोगनविलिया, अर्जुन, सुखचैन, अमलतास, अलस्टोनिया व कचनार के पौधे शामिल है।

गत सोमवार को बाबा सेवा सिंह कान में तकलीफ की शिकायत लेकर ईएनटी अस्पताल के एसोसिएट्स प्रोफेसर डा. जगदीपक सिंह के पास आए थे। वहा उन्होंने देखा कि खाली पड़ी भूमि पर जंगली घास व गंदगी है। इस पर डा. जगदीपक सिंह के साथ विचार विमर्श के बाद उन्होंने यहा पर पौधे लगाने की पेशकश की। बुधवार सुबह बाबा सेवा सिंह के सहयोगी भाई मंसा सिंह अपने अन्य सहयोगियों के साथ अस्पताल में आ पहुंचे और लैंड स्केपिंग का काम शुरू कर दिया। भाई मंसा सिंह ने बताया कि बाबा जी की ओर से पंजाब में 173 किलोमीटर, राजस्थान में 28 किलोमीटर तथा ग्वालियर में 7 किलोमीटर के एरिया में लाखों पौधे लगवाए गए हैं। अलग-अलग स्थानों पर पाच सौ पीपल तथा पाच सौ बरगद के पेड़ लगाए गए हैं ताकि पक्षियों को रहने के लिए घोंसले बनाने में आसानी हो सके। इससे लुप्त हो रहे पक्षियों के बचने की उम्मीद है। सौ स्थानों पर पीपल, बोहड़ व नीम के पेड़ एक साथ लगाए गए हैं। इन तीनों को एक साथ लगाना शुभ माना गया है।

सूबेदार बलबीर सिंह के अनुसार एक पौधा बड़ा होने पर हर रोज चार सौ किलोग्राम के करीब आक्सीजन लोगों को देता है तथा 900 किलोग्राम कार्बन डाइक्साइड खा जाता है। यदि इस पौधे की पूरी आयु की कीमत आकी जाए तो एक पौधा लगभग 98 लाख रुपये अदा कर देता है। 19 लाख की आक्सीजन छोड़ता है। इतने ही कीमत के पानी की वर्षा के लिए सहायक होता है। 17 लाख रुपये की शक्ति जमीन को देता है। आठ लाख की कीमत के पक्षियों के रैन बसेरे का इंतजाम करता है। इसलिए पौधों को बर्बाद न करे इनका ख्याल रखें।

2 comments:

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर बात कही बाबा सेवा सिंह जी ने आप का ओर बाबा जी का धन्यवाद

Ashok Pandey said...

प्रेरणादायक जानकारी। आभार।