Thursday, October 17, 2013

डिवाइस टू कूल एंगर

गुस्सा शांत करने को श्वेता ने बनाई 'डिवाइस टू कूल एंगर'




प्रस्तुति - दैनिक भास्कर

गुस्सा शांत करने को श्वेता ने बनाई 'डिवाइस टू कूल एंगर'

जालंधर. पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा श्वेता शर्मा को छुट्टियों में होमवर्क देख बहुत गुस्सा आता था। खेलने का मौका ही नहीं मिलता था। इसी गुस्से को शांत करने के लिए श्वेता ने 'डिवाइस टू कूल एंगर' बनाया।

गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू की श्वेता शर्मा फिजिक्स और केमिस्ट्री में रिसर्च करना चाहती हैं। उनकी रिसर्च किस स्तर की होगी यह दस्तक वह पिछले तीन साल से दे रही हैं। श्वेता के इनोवेटिव आइडियाज को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन द्वारा करवाए जाते इगनाइट कंपीटिशन में लगातार तीसरी बार फस्र्ट प्राइज मिला है। इस बार श्वेता के दो आइडिया चुने गए हैं। पहला 'डिवाइस-टू-कूल एंगर' और दूसरा 'सीएफएल कनेक्टर डिवाइस'।
श्वेता के पिता विनोद शर्मा पुलिस डीएवी में ऑफिस सुपरिटेंडेंट हैं। सीएफएल कनेक्टर बनाने का आइडिया कैसे आया? इस पर श्वेता का जवाब था- हमारे घर में एक ऊंची दीवार है। उस पर लगा एक सीएफएल कई महीने इसलिए नहीं बदला गया क्योंकि सीढ़ी लगाकर उसे बदलना पडऩा था।
मुझे लगा कि कितना अच्छा होता कि ऐसा कोई डिवाइस होता, जिससे बिना कुर्सी, टेबल या सीढ़ी लगाए सीएफएल या बल्ब चेंज किया जा सकता। बहुत सोचा। इंटरनेट पर सर्च किया। टीचर्स की मदद से एक स्टिक जैसा डिवाइस तैयार किया। इससे दूर से ही पुराने सीएफएल को चेंज करके नया कनेक्ट किया जा सकता है। इस डिवाइस को कंपीटिशन के लिए भेजा, जिसे चुन चुन लिया गया।
इगनाइट कंपीटिशन में हैट्रिक
श्वेता के मुताबिक 'डिवाइस टू कूल एंगर' इनोवेटिव आइडिया की श्रेणी में प्रथम आया है। इस पर काम होना है। जब भी छुट्टियां होतीं, खेलने की बजाए ढेर सारा होमवर्क। मुझे गुस्सा आता। मैं भाई पर गुस्सा निकालती। होमवर्क न करते देख मां मुझ पर गुस्सा निकालती और होमवर्क न करने पर टीचर्स का गुस्सा। मुझे लगा कि ऐसा कुछ तो होना चाहिए  जिससे गुस्सा कंट्रोल हो।
अभी कागज पर है लेकिन मैं वाटर सेंसर का प्रयोग करके एक ऐसी रिस्ट वॉच या बैंड बनाना चाहती हूं, जो गुस्सा करने वाले आदमी को अलार्म दे। अलार्म मिलते ही वह कूल हो जाए। क्योंकि हम लोग गुस्सा नहीं करना चाहते। गुस्सा सेहत के लिए अच्छा नहीं। जब गुस्सा आ रहा हो तो कोई तो होना चाहिए जो उसे कंट्रोल करे।

श्वेता ने 2010 में 'एक्सपायरी इंडिकेशन फॉर मेडिसिन' की इनोवेशन के लिए फस्र्ट प्राइज जीता था। फिर 2011 में 'डिवाइस-टू-कम्यूट क्लाउड' बनाया। इसके लिए श्वेता को नवंबर 2012 में आईआईएम अहमदाबाद में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने सम्मानित किया था।

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