प्रस्तुति - दैनिक भास्कर
लुधियाना. 'जन्मदिन से एक दिन पहले ऐसा शानदार तोहफा पाना किस्मत की बात है। डॉक्टर तो बनना ही था लेकिन यह पता नहीं था कि मेरा ख्वाब आज पूरा हो जाएगा। सभी फोन पर बधाई दे रहे हैं। मैं खुश हूं। लेकिन इस बात की खुशी सबसे ज्यादा है कि पापा-मम्मी ने मुझ पर भरोसा जताया और मैं उनके भरोसे पर खरी उतरी। यह कहना है लगातार चौथे साल यूनिवर्सिटी एग्जाम में टॉपर रहने वाली नेहा शर्मा का।
वह अपनी मेहनत व मां पापा के आशीर्वाद को अहम मानती है। लुधियाना के बल सिंह नगर की नेहा के पापा चाय की दुकान चलाते हैं। ज्वाइंट फैमिली में वह मम्मी, पापा, छोटी बहन, दादा, तीन ताया ताई व चाचा-चाची के साथ रहती है।
नेहा बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के अंतर्गत डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोथेरेपी एंड रिहेबलिटेशन की स्टूडेंट है। उसने बेचलर्स ऑफ फिजियोथेरेपी के आखिरी साल में 80 फीसदी अंक से एग्जाम को क्लियर किया है।
टॉप करने की एक जिद थी मन में : दसवीं व बारहवीं में स्कूल टॉपर रह चुकी नेहा ने बताया कि लगातार चार साल यूनिवर्सिटी टॉपर बनना एक चैलेंज था। लेकिन जिद तो टॉप करने की ही थी। मुश्किलें भी आईं लेकिन कठिनाइयों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। डॉक्टर तो बन गई हूं लेकिन आगे भी पढ़ाई जारी रहेगी।
मेरी दोनों बेटियां बेटे से कम नहीं :
नेहा के पापा अशोक शर्मा बताते हैं कि बेटी मेहनती है। भरोसा था कि बेटी हमारा नाम रौशन करेगी। आज एक डॉक्टर बेटी पर हमें गर्व है। मेरी दोनों बेटियां बेटों से कम नहीं हैं।
ये रहा सक्सेस मंत्रा
दिन में दो से तीन घंटे जो भी क्लास में पढ़ाया गया उसे रिवाइज करना।
लेक्चर बंक नहीं किया कभी किसी को फॉलो नहीं किया
सेल्फ स्टडी की हो तो ट्यूशन की कोई नहीं जरूरत
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