Sunday, January 10, 2010

जोर जुल्म के टक्कर में नजीर बनी जानकी

प्रस्तुति - दैनिक जागरण

जिंदगी के कठोर अनुभवों में पककर जानकी वज्र हो गई है। जोर-जुल्म के खिलाफ वह प्रतिरोध की एक नजीर है। किसी निर्बल और असहाय के समर्थन में अपनी सेना लेकर खड़ी होती है तो दबंग भी उससे थर्रा उठते हैं। वर्ष 2005 में उसका नाम नोबेल पुरस्कार के लिए नामित हुआ। पुरस्कार तो नहीं मिला, लेकिन उसकी सेवा और सहयोग की रफ्तार बढ़ गई।




गोरखपुर जिले के भटहट ब्लाक का ताजपिपरा गांव 55 साल की जानकी की वजह से सुर्खियों में है। महज दस साल की उम्र में अपने से काफी बड़े इसी गांव के रामदुलारे यादव के साथ उसकी डोली उठी। ससुराल आई तो छोटी उम्र के सभी बड़े सपने बिखर गए। उत्पीड़न बढ़ गया। लोक लाज के डर से वह सब कुछ सहती रही। लेकिन एक दिन जब डीएम की गाड़ी से उसके पति का एक्सीडेंट हो गया तो वह चंडी बन गई। तत्कालीन जिलाधिकारी को इलाज का खर्च उठाना पड़ा और पति को नौकरी भी देनी पड़ी। जिलाधिकारी के तबादले के बाद पति की नौकरी छूट गई। तब जानकी को लगा कि पढ़ा-लिखा न होने की वजह से वह छली गई। उसने पढ़ने का संकल्प लिया। वर्ष 1998 में वह महिला समाख्या से जुड़कर पढ़ना-लिखना सीख गई। ज्ञान, हुनर और तेवर देख उसे पंचायत कोर टीम और महासंघ में शामिल किया गया। यहीं से उसकी आंखों में गांव और समाज के विकास का सपना चमक उठा। कई गांवों की महिलाओं को जुटाकर उसने अपनी सेना भी खड़ी कर ली। जब भी किसी असहाय पर मुसीबत आई, तो लाठियों से लैस होकर वह मौके पर पहुंच गई। उसके जज्बे के चर्चे तुलसीदेऊर, जमुनिया, खैराबाद, पिपराइच, भटहट, रामपुर गांवों में सुनने को मिल जाते हैं।
तुलसीदेउर में 15 साल से एक दबंग ने रास्ता रोक दिया था। जानकी की सेना पहुंची तो रास्ता खाली हो गया। जो दबंग कमजोर पट्टीदारों का उत्पीड़न कर रहा था, उसे जेल भी भिजवा दिया। दूसरे गांवों में भी ऐसा ही हुआ। खैराबाद का बीए पास लड़का शादी का झांसा देकर अनपढ़ गरीब लड़की की इज्जत से खेलता रहा। यह बात पता चली, तो उसने भरे समाज में लड़के को शादी के लिए मजबूर कर दिया। उसने गांव-गांव साक्षरता की ज्योति जला दी। विधवा विवाह कराया। सामूहिक खेती की अलख जगाई। नरेगा में नाइंसाफी की मुखालफत कर रही है। जानकी का पति व बड़ा बेटा राजनाथ विकलांग हैं। दूसरा बेटा बृजनाथ पत्नी और छोटे भाई शेषनाथ के साथ लुधियाना में रहता है। जानकी इस समय महिला समाख्या की नारी अदालत की कानून कोर टीम की सदस्य हैं।

3 comments:

Udan Tashtari said...

आभार जानकी जी का परिचय देने का..प्रेरणादायी व्यक्तित्व!!

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर विवरण दिया आप ने जानकी जी का . धन्यवाद

Unknown said...

vivek
apne yah rapat dainik jagran se lekar chhap dee aur jisne likhi uska ullekh tak nahi kiya. yah chori theek nahi hai. apko pata hona chahiye yah rapat dainik jagran gorakhpur ke varishth patrakar anand rai ki hai aur jagran ke kai sanskarnon men chhapi hai. sumit rana