Sunday, November 10, 2013

शरद बाबू

प्रस्तुति - दैनिक भास्कर

चेन्नई की गलियों में इडली और दोसा बेच प्रतिदिन 20 रुपए कमाने वाली शरद बाबू की मां ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन उनका बेटा हजारों लोगों के रोजगार का माध्यम बनेगा। शरद बाबू ने बुलंद हौसले की बदौलत अपनी तकदीर की कहानी खुद लिखी और हजारों परिवार के चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेरी।
आज वे अहमदाबाद स्थित फूड किंग केटरिंग सर्विसेज लिमिटेड के मालिक हैं। बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) पिलानी से मेकेनिकल इंजीनियरिंग और आईआईएम (मुंबई) से एमबीए करने वाले शरद बाबू 15 नवंबर को शहर आ रहे हैं। वे एक्सएलआरआई में शुरू होने जा रहे मैनेजमेंट फेस्ट ऑन्सम्बल-2013 में देश के बिजनेस स्कूलों के विद्यार्थियों को बिजनेस के गुर बताएंगे।
मां कमाती थी प्रतिदिन 20 रुपए, बेटे ने ठुकराया लाखों का पेकैज औऱ बना फूड किंग





लाखों का पैकेज ठुकरा शुरू की अपनी कंपनी
शरद बाबू ने लाखों रुपए के पैकेज को ठुकराकर 200६ में मात्र दो हजार रुपए में अपनी कंपनी फूड किंग शुरू की। आज उनकी कंपनी में 1000 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। दलित परिवार से संबंध रखने वाले शरद बाबू कहते हैं कि उनकी कोशिश समाज के सबसे निचले तबके को एक सम्मानजनक स्थान दिलाना है। इसके लिए नौकरी नहीं, उनके लिए रोजगार का सृजन करना होगा।
कौन हैं शरद बाबू : शरद बाबू का जन्म चेन्नई के मनीपक्कम गांव में हुआ था। पति की मौत के बाद उनकी मां ने इडली-दोसा बेच उन्हें स्कूल भेजा। पढ़ाई में मेधावी रहे शरद बाबू को बिट्स पिलानी में दाखिला मिला। इसके बाद उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया। आज वे फूड किंग केटरिंग सर्विसेज के सीईओ हैं।
शरद बाबू एक मिसाल हैं उन युवाओं के लिए, जो नौकरी और पैसे के पीछे भागने की बजाय समाज में चेंज एजेंट बनना चाहते हैं। शरद चाहते, तो किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी कर लाखों रुपए कमा सकते थे, मगर उन्होंने अपनी कंपनी बनाकर दूसरे के लिए रोजगार सृजन करने की कोशिश की। आज वे देश के हर बिजनेस स्कूल में केस स्टडीज के रूप में अध्ययन किए जाते हैं। प्रो. मधुकर शुक्ला, एक्सएलआरआई
शायद ही कोई हो, जो शरद बाबू की सफलता की स्टोरी को उनकी अपनी जुबां से सुनना नहीं चाहेगा। एक्सएलआरआई समेत देश के बिजनेस स्कूल के छात्रों के लिए यह एक ऐसा अवसर है, जहां वे खुद की कंपनी खड़ा करने के गुर जानेंगे।
ए. स्वामी, सेक्रेटरी, ऑन्सम्बल-2013

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