Saturday, December 20, 2008

स्वामी विवेकानंद की सूक्तियां

आजकल स्वामी विवेकानंद जी को पड़ रहा हूँ । आप सभी भी उनकी कही कुछ सूक्तियों का आनन्द लीजिये ।

१। जिस बात की दुनिया को आज आवश्यकता है, वह है बीस ऐसे स्त्री पुरूष जो सड़क पर खड़े होकर सबके सामने यह कहने का साहस कर सके कि हमारे पास ईश्वर को छोड़कर और कुछ नहीं है । कौन निकलेगा ? डर की क्या बात है ? यदि यह सत्य है , तो और किसी बात की क्या परवाह ? यदि यह सत्य नहीं है, तो हमारे जीवन का ही क्या मूल्य है ?

२। कोई भी पति पत्नी को केवल पत्नी होने के नाते प्रेम नहीं करता, न कोई भी पत्नी पति को केवल पति होने के नाते प्रेम करती है । पत्नी में जो परमात्म - तत्व है, उसी से पति प्रेम करता है; पति में जो परमेश्वर है, उसी से पत्नी प्रेम करती है । प्रत्येक में जो ईश्वर तत्व है, वही हमें अपने प्रिय के निकट लाता हैप्रत्येक वस्तु में और प्रत्येक व्यक्ति में जो ईश्वर है, वही हमसे प्रेम कराता है । परमेश्वर ही सच्चा प्रेम है ।

३। प्रत्येक कर्मफल भले और बुरे का मिश्रण है । ऐसा कोई भी शुभ कार्य नहीं है, जिसमें अशुभ का संस्पर्श नहीं है । आग के चारों ओर व्याप्त धुए के समान कर्म में सदैव कुछ न कुछ अशुभ लगा रहता है । हमें ऐसे कार्यों में रत होना चाहिए, जिनमें भलाई अधिक से अधिक मात्रा में हो और बुराई कम से कम ।

7 comments:

sarita argarey said...

स्वामी विवेकानंद की कही बातें अमल में लाकर जीवन सार्थक किया जा सकता है । अच्छी जानकारी ।

Unknown said...

आजकल स्वामी विवेकानंद जी को पढ़ रहे हैं, बहुत अच्छा कर रहे हैं. समय का सदुपयोग है यह. स्वामी जी की शिक्षा सबके साथ बाँट रहे हैं, इस के लिए वधाई एवं धन्यवाद.

अनुनाद सिंह said...

यह तो बहुत अच्छा कर रहे हैं। लेकिन केवल तीन से काम नहीं चलेगा, कम से कम बीस-पचीस सूक्तियाँ संकलित कीजिये तब कुछ बात बने.

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर लगता है आप को लगातार ओर ध्यान से पढना पढेगा, अजी यह सूक्तियां नही संस्कार है, जिन की आज हम सब को सख्त जरुरत है.
धन्यवाद सुबह सुबह अच्छी बाते बताने के लिये

Birds Watching Group said...

aapko http://birdswatchinggroupratlam.blogspot.com par giddhon ki suchanaa ke tippani column me paakar khushi hui

योगेन्द्र मौदगिल said...

वाह

Varun Kumar Jaiswal said...

बढ़िया शिक्षा बाँट रहे हैं |
स्वामी जी तो हमेशा प्रासंगिक बने रहेंगे |