Friday, January 2, 2009

जंगल उगाने का जुनून

भोपाल कोई व्यक्ति अपने जीवन में कितने पौधों को रोप सकता है। पांच, दस, पंद्रह या फिर सौ, लेकिन इब्राहिमपुरा की शेख बत्ती गली में रहने वाले उमर अलीम ने जंगल उगाने के जुनून में 12 हजार पेड़ों का पूरा जंगल खड़ा कर दिया।
श्री अलीम ने भोपाल से 15 किलोमीटर दूर बैरागढ़ रोड स्थित ग्राम हिनोतिया जागीर में अपने जमीन के पास की पहाड़ी पर यह जंगल उगाया है। यह श्री अलीम के जंगल उगाने के जुनून का ही नतीजा है कि 24 साल पहले बंजर हो चुकी 65 एकड़ की पहाड़ी का 15 एकड़ क्षेत्र आज घने जंगल में तब्दील होकर कई जंगली जानवरों की पनाहगाह बन गया है।
लगाया सागौन का जंगल:
उम्र के पांच दशक पार कर चुके श्री अलीम 1984 के पूर्व सऊदी अरब में एक कंपनी में काम करते थे। बढ़ती उम्र ने बुजुर्र्गो की जायदाद याद दिलाई और वे वापस भोपाल आ गए। यहां उन्होंने ग्राम हिनोतिया जागीर की पुरखों की 40 एकड़ जमीन पर खेती करना शुरू किया। श्री अलीम के अनुसार उनकी जमीन के पास की बंजर पहाड़ी देखकर उन्हें बहुत दु:ख होता था। उन्होंने इसे हरा-भरा करने का संकल्प लिया। वन विभाग में कार्यरत मित्रों के सहयोग से उन्हें सागौन के पौधे मिले और 24 साल में उन्होंने 12 हजार सागौन के पेड़ों का जंगल खड़ा कर दिया।
जेब से किए दस लाख खर्च:
इस जुनूनी शख्स के परिवार में पत्नी के अलावा दो पुत्र हैं। दोनों ही उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। पारिवारिक जिम्मेदारी उठाते हुए श्री अलीम ने विगत 24 वर्र्षो में जंगल को खड़ा करने में अपनी जेब से दस लाख से अधिक रुपए खर्च किए। यह रुपए पौधों को पानी देने से लेकर उनकी रखवाली में खर्च किए गए।
खुशी के साथ है दु:ख भी
श्री अलीम बताते हैं कि इतना बड़ा जंगल खड़ा करने की खुशी के साथ उन्हें दु:ख भी है। वे बताते हैं कि कई लोग चोरी-छिपे पेड़ों को काट देते हैं और अधिकारी फौरी कार्रवाई करके रह जाते हैं। ऐसे में जंगल का संरक्षण उनके लिए बड़ी चुनौती बन गया है। वे बताते हैं कि जिस जंगल को इतनी मेहनत के साथ खड़ा किया उसे कटते हुए देखना काफी दुखदायी है।

5 comments:

राज भाटिय़ा said...

अगर ऎसे ही जंगल शहरो ओर गावं के आस पास लगये जाये तो बहुत ही अच्छा होगा, सलाम है इस भाई को .
ओर आप का धन्यवाद

विवेक सिंह said...

उमर अलीम साहब को नमन ! आपको शुक्रिया !

bijnior district said...

kash sub esa ker pate.

विधुल्लता said...

unhe salaam...shubhkaamnaa

Anonymous said...

I think I come to the right place, because for a long time do not see such a good thing the!