इंदौर. इंदौर से करीब 20 किलोमीटर दूर खंडवा रोड पर दतोदा ग्राम पंचायत ने तिक्खी पहाड़ी से निकलने वाली बरसाती नदी में पाइप लाइन डालकर टकरावदा तालाब भर लिया। पूरा भर जाने के बाद इसमें इतना पानी जमा हो जाएगा कि अगली गर्मी तक परेशानी नहीं होगी।
ऐसे मोड़ी धारापंचायत के उप सचिव गुलाब सिंह मस्करा ने बताया सबसे पहले तालाब से नदी तक करीब सवा किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई। फिर नदी में 10 हार्सपावर की मोटर डालकर उसे थ्री फेस कनेक्शन से जोड़ा। इसके बाद बहते पानी को तालाब में सहेजना शुरू किया। रोज 18 घंटे मोटर चलाकर 90 टैंकर पानी नदी से तालाब में शिफ्ट किया जा रहा है। इस पर कुल 80 हजार रुपए का खर्च आया है लेकिन गर्मी में रोज 10 हजार रुपए की बचत होगी।
इसलिए पड़ी जरूरतगांव के किसान पूनमसिंह राजपूत ने बताया बारिश में तो दतोदा में खूब पानी बहता है, लेकिन गर्मी में भारी किल्लत हो जाती है। गांव के करीब-करीब सभी बोरिंग सूख जाते हैं। पानी की व्यवस्था करना पड़ती है। इस बार इतना पानी इकट्ठा हो गया है कि मई-जून तक का बंदोबस्त हो जाएगा।
..ताकि न हो रिसावग्रामीण लीलाधर सलवाड़िया ने बताया तालाब भरने से पहले इसकी तलछटी में काली मिट्टी भरी गई, ताकि पानी नहीं रिसे। इसके बाद थोड़ा पानी भरकर देखा, नहीं रिसा तो लगातार भराई शुरू कर दी। गांव में बिजली का संकट है। इसलिए व्यवस्था ऐसी की है कि तीनों फेस बराबर मिलते ही मोटर शुरू हो जाती है और बिजली रहने तक चलती रहती है।
बूंद-बूंद के लिए तरस जाते थे
ठ्ठ गांव के ही श्यामलाल मुंडेल ने कहा गर्मी में एक-एक बूंद के लिए तरस जाते हैं। पीने के लिए न सही लेकिन उपयोग के लिए तो पानी मिल जाएगा।ठ्ठ गुलाब सिंह केलवा ने कहा जानवरों के पानी का संकट सालभर के लिए दूर हो गया है।ठ्ठ मोहनसिंह गौड़ ने कहा बिजली कटौती और डीपी में फाल्ट के कारण कई बार मोटर बंद हो जाती है। बिजली अधिकारी बिना रिश्वत के काम नहीं करते। नदी कुछ दिनों में सूख जाएगी। पानी यूं ही बह गया तो तालाब पूरा नहीं भर पाएगा।
बचत होगीगर्मी में हर घर में दो सौ रुपए में टैंकर मंगाना पड़ता है। इस हिसाब से सभी को काफी बचत होगी। तालाब अभी पांच इंच और भरा जाना है।-हरिसिंह वर्मा, सरपंच, दतोदा
4 comments:
अच्छा सराहनीय कदम है/
अच्छा कदम है, पर नदी का क्या हुआ बे मौसम सूख गई होगी।
सराहनीय कदम तो नहीं है,
कहा यह गया है कि फिर नदी में 10 हार्सपावर की मोटर डालकर उसे थ्री फेस कनेक्शन से जोड़ा। इसके बाद बहते पानी को तालाब में सहेजना शुरू किया। रोज 18 घंटे मोटर चलाकर 90 टैंकर पानी नदी से तालाब में शिफ्ट किया जा रहा है। इस पर कुल 80 हजार रुपए का खर्च आया है लेकिन गर्मी में रोज 10 हजार रुपए की बचत होगी।
इससे कई सवाल उठते हैं,
1- पहले तो यह पता नहीं चलता कि नदी की गांव से दूरी कितनी है?
2- कुल 80 हजार रुपए का खर्च आया है? पर यह प्रतिदिन का है या कुल खर्च है?
3 - गर्मी में रोज 10 हजार रुपए बचेंगे, किस प्रकार ?
4- कोई और रास्ता तलाशा गया है ?
और बातें कुछ उत्तर के बाद . . . . .
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सवाल पूछने के लिए धन्यवाद | मेरी समझ से इन सवालों के उत्तर के लिए आप को दतोदा ग्राम (इंदौर से करीब 20 किलोमीटर दूर खंडवा रोड) जाकर स्वयं देखना होगा | बाद में आप विस्तृत समाचार प्रसारित कर सकतें हैं |
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