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उत्तर प्रदेश के बांदा सहित बुंदेलखंड के अन्य जिलों में महिला अधिकारों के लिए सक्रिय गुलाबी गैंग की मुखिया संपत देवी पाल का पेरिस में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सुश्री पाल अपनी आटोबायोग्राफी मी संपत पाल-हेड आफ द पिंक साड़ी गैंग के प्रचार के लिए फ्रांस में हैं।
सरकारी महकमे में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली और महिला सशक्तीकरण की पोषक गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल का नाम अब न सिर्फ बांदा जनपद बल्कि इस देश की सीमा लांघकर विदेशी सरजमीं पर भी गूंजेगा और पूरा विश्व जानेगा कि कैसे भारत के एक गांव की साधारण महिला ने उन अबलाओं के हक के लिए न सिर्फ लड़ाई लड़ी बल्कि उन्हें अन्याय के खिलाफ लड़ना भी सिखाया।
संपत पाल एक स्वयंसेवी संस्था ओ एडीशन के बुलावे पर पेरिस जायेंगी जहां 17 से 25 अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी। बुंदेलखण्ड में गुलाबी गैंग और इसकी कमांडर संपत पाल आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। गुलाबी साड़ी को गैंग की पहचान बता सरकारी महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार तथा गरीब, अबला, असहाय, महिलाओं की पुरुष प्रधान समाज में लड़ाई लड़ने वाली संपत पाल के कई ऐसे कारनामे उभरे जो कस्बे से निकल देश-विदेश में चर्चा के विषय बने। उनकी बेबाक राय व जुझारूपन के चलते सैकड़ों महिलाओं को न्याय मिला तथा घर बसा। बुधवार को रवाना होने से पहले उन्होंने बताया कि भाषा समस्या न आये इसके लिए उक्त संस्था द्वारा एक दुभाषिया भी लखनऊ से भेजा जा रहा है। उन्हें पेरिस की सामाजिक संस्था ओ एडीशन के प्रभारी फिलिप राविनेट ने आमंत्रित किया है। संपतपाल हवाई यात्रा के लिए नई दिल्ली रवाना हो गयी हैं। गौरतलब है कि दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट की उद्यमिता पीठ की डॉ. नंदिता पाठक के बाद गुलाबी गैंग कमांडर संपतपाल दूसरी सामाजिक संस्था से जुड़ी महिला हैं, जिन्हें विदेश से बुलावा आया है।
संपत पाल एक स्वयंसेवी संस्था ओ एडीशन के बुलावे पर पेरिस जायेंगी जहां 17 से 25 अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी। बुंदेलखण्ड में गुलाबी गैंग और इसकी कमांडर संपत पाल आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। गुलाबी साड़ी को गैंग की पहचान बता सरकारी महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार तथा गरीब, अबला, असहाय, महिलाओं की पुरुष प्रधान समाज में लड़ाई लड़ने वाली संपत पाल के कई ऐसे कारनामे उभरे जो कस्बे से निकल देश-विदेश में चर्चा के विषय बने। उनकी बेबाक राय व जुझारूपन के चलते सैकड़ों महिलाओं को न्याय मिला तथा घर बसा। बुधवार को रवाना होने से पहले उन्होंने बताया कि भाषा समस्या न आये इसके लिए उक्त संस्था द्वारा एक दुभाषिया भी लखनऊ से भेजा जा रहा है। उन्हें पेरिस की सामाजिक संस्था ओ एडीशन के प्रभारी फिलिप राविनेट ने आमंत्रित किया है। संपतपाल हवाई यात्रा के लिए नई दिल्ली रवाना हो गयी हैं। गौरतलब है कि दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट की उद्यमिता पीठ की डॉ. नंदिता पाठक के बाद गुलाबी गैंग कमांडर संपतपाल दूसरी सामाजिक संस्था से जुड़ी महिला हैं, जिन्हें विदेश से बुलावा आया है।
गुलाबी रंग तो प्रेम और रोमांस का रंग समझा जाता है। मैं भी इसे इसी तरह से लेता हूं पर बांदा की गुलाबी महिलाओं का रोमांस तो कुछ और ही है।
‘बांदा…? क्या इस नाम की कोई जगह है?’
उत्तर प्रदेश का शायद इसका सबसे पिछड़ा भाग बुन्देलखंड है। बांदा इसी का एक जिला है। यहां का मुख्य पेशा फौजदारी है। कुछ समय पहले वहां कुख्यात डाकू ददुवा का रहा करता था। बिना उससे आशिर्वाद लिये, वहां से, न तो कोई एम.एल.ए. बन सकता था, न ही एम.पी.। वह मारा गया है। अब यह ठोकिया का इलाका है। देखिये अगले चुनाव में क्या होता है।
बांदा की गुलाबी महिलायें - सरकार के भ्रष्ट, घूसखोर अफसरों और उजड्ड पुरुषों - के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। वे न तो गैर सरकारी संस्था पर विश्वास करती हैं, न ही अफसरशाही पर। उनके अनुसार या अफसरशाही घूस में व्यस्त है और गैर सरकारी संस्था पैसे कमाने में। वे अपनी लड़ाई स्वयं लड़ रही हैं और महिलाओं को न केवल सम्मान दिलवा रही हैं पर सबका सम्मान भी पा रही हैं।
‘बांदा…? क्या इस नाम की कोई जगह है?’
उत्तर प्रदेश का शायद इसका सबसे पिछड़ा भाग बुन्देलखंड है। बांदा इसी का एक जिला है। यहां का मुख्य पेशा फौजदारी है। कुछ समय पहले वहां कुख्यात डाकू ददुवा का रहा करता था। बिना उससे आशिर्वाद लिये, वहां से, न तो कोई एम.एल.ए. बन सकता था, न ही एम.पी.। वह मारा गया है। अब यह ठोकिया का इलाका है। देखिये अगले चुनाव में क्या होता है।
बांदा की गुलाबी महिलायें - सरकार के भ्रष्ट, घूसखोर अफसरों और उजड्ड पुरुषों - के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। वे न तो गैर सरकारी संस्था पर विश्वास करती हैं, न ही अफसरशाही पर। उनके अनुसार या अफसरशाही घूस में व्यस्त है और गैर सरकारी संस्था पैसे कमाने में। वे अपनी लड़ाई स्वयं लड़ रही हैं और महिलाओं को न केवल सम्मान दिलवा रही हैं पर सबका सम्मान भी पा रही हैं।
1 comment:
बांदा की गुलाबी महिलायें - सरकार के भ्रष्ट, घूसखोर अफसरों और उजड्ड पुरुषों - के खिलाफ आवाज उठा रही हैं।
" nice to read, i was not aware about it, thanks for sharing"
Regards
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