केंद्र सरकार ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान शत प्रतिशत स्वच्छता हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। शहरी स्वच्छता पर आधारित एक राष्ट्रीय सलाहकार समूह के गठन करने की भी योजना है।
शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इसका उद्देश्य यह है कि शहरों के सभी निवासियों की पहुंच सुरक्षित और स्वस्थ स्वच्छता सुविधाओं और व्यवस्थाओं तक हो। वे इनके इस्तेमाल में सक्षम हों ताकि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच के लिए नहीं जाए।
सूत्रों का कहना है कि इस नीति का दृष्टिकोण यह है कि सभी भारतीय बाजार और शहर पूर्ण रूप से स्वच्छ, स्वस्थ और रहने लायक बन जाएं। इस नीति के तहत स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा करके व्यावहारिक बदलाव लाने पर जोर दिया गया है।
मेरा विचार
१। यह सुनकर प्रसन्नता हुई कि सरकार स्वच्छता के प्रति जागरूप हो रही है
२। आज भी सारे गाँव शहर अपने प्रमुख बाजारों, स्थलों, सरकारी केन्द्रों पर सुरक्षित और स्वस्थ स्वच्छता सुविधा उपलब्ध नहीं कर पाएं हैं
३। जो सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं उनका मापदंड बहुत ही न्यूनतम है
४। सरकार अगर नागरिकों से टैक्स लेती है तो उसे पीने का साफ पानी तथा सुरक्षित और स्वस्थ स्वच्छता सुविधा मुफ्त उपलब्ध करानी चाहिए
2 comments:
sarkar kabhi jagruk nahi hogi. voto ke khatir ye koi kada faisla nahi le sakte hai. ager kahi safai abhiyaan shuru huaa bhi to usse baht se gareebo ka nukasaan hoga. sarkaar ko chahiye ki logo ke liye vaikalpik vyawastha bhi kare.
यह सुनकर प्रसन्नता हुई कि सरकार स्वच्छता के प्रति जागरूप हो रही है
"shuker hai iss tref sarkar ka dhyan to gya'
regards
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