Monday, October 20, 2008

भारत के खिलौना उद्योग

किसी का दर्द कैसे किसी और के चेहरे पर मुस्कान लाता है, यह कारोबारी जगत से बेहतर कोई नहीं समझता। मसलन, भारत के खिलौना उद्योग को लीजिए।
वैश्विक मंदी में गिरती मांग और डॉलर की मजबूती से अमेरिका, चीन और यूरोपीय देशों में खिलौने का निर्यात महंगा क्या हुआ, भारत के खिलौना कारोबारियों की तो बल्ले-बल्ले हो गई है। बढ़ती मांग के कारण छह वर्षो के भीतर ही भारत का खिलौना कारोबार 125 करोड़ रुपये से बढ़कर 700 करोड़ रुपये का हो गया है। टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया(टीएआई) के अध्यक्ष विष्णु स्वरूप अग्रवाल बताते है कि ' वैश्विक स्तर पर कम लागत और सस्ती कीमत होने के कारण भारत में बनाए जाने वाले सॉफ्ट टॉयज ,टेडीबियर, स्टफ टॉयज, लकड़ी और बोर्ड के खिलौनों की मांग में शतफीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय खिलौनों की मांग बढ़ने का कारण भारतीय खिलौना बाजार का असंगठित और क्षेत्रीय होना है। देश के कुल खिलौना कारोबार में संगठित क्षेत्र केवल एक तिहाई है। इसमें भी चालीस फीसदी खिलौना कारोबारी विदेशों से खिलौने का आयात करते है। डॉलर के मजबूत होने से विदेशों से होने वाले इस आयात में कमी आने के साथ खिलौना निर्माण से जुड़ी संगठित घरेलू इकाइयों और असंगठित खिलाड़ियों के कारोबार में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है।भारत की निर्यात प्रोत्साहन परिषद के आंकड़ों के हिसाब से 'पिछले वर्ष भारत से खिलौनों का निर्यात लगभग 13 करोड़ रुपये का हुआ है। इस वर्ष इसमें पचास फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी की संभावना है।' अभी तक विश्व के खिलौना कारोबार में चीन का दबदबा है। दुनिया के खिलौना कारोबार में जहां चीन 34 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है। वहीं भारत का हिस्सा 1 फीसदी से भी कम रहा है। इस बाबत टीएआई के पदाधिकारियों का मानना है कि जैसे-जैसे भारत के खिलौना उद्योग में संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ेगी भारत के वैश्विक कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी। स्वरूप बताते है भारत का खिलौना कारोबार रोजगार देने के मामले में भी आगे रहते हुए लगभग 20 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करवा रहा है। केंद्रीय श्रम विभाग के आंकड़ों के हिसाब से पंजाब,यूपी, हरियाणा और तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में खेल कारोबार रोजगार प्रदान करवाने में प्रतिवर्ष चालीस फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी कर रहा है।

2 comments:

श्रीकांत पाराशर said...

Bharat men kis cheez ki kami hai? agar hamari nitiyan sahi hon to pata nahi hamara desh kitni pragti kare.

mamta said...

इस जानकारी को बांटने का शुक्रिया ।