Monday, September 15, 2008

दुनिया की सबसे बड़ी ब्रोकरेज मेरिल लिंच बिकी

सबप्राइम संकट का ये सबसे ताजा शिकार है। बैंक ऑफ अमेरिका ने मेरिल लिंच को 50 अरब डॉलर यानी लगभग सवा दो लाख करोड़ रुपए में खरीद लिया है। इंडस्ट्री की खबर रखने वाले बता रहे हैं कि ये सौदा मेरिल लिंच की मजबूरी की वजह से हुआ है , लेकिन उसे ठीकठाक रेट मिल गया है। मेरिल लिंच दुनिया की सबसे बड़ी ब्रोकरेज कंपनी है। मेरिल लिंच के बिकने का भारत में असर दरअसल पिछला हफ्ता लीमन ब्रदर्स होल्डिंग के दिवालिया होने की खबरों के बीच बीता। लीमन ब्रदर्स दुनिया की प्रमुख इनवेस्टमेंट बैंकिंग और फाइनांशियल सर्विसेज फर्म है। इस बात की भी चर्चा रही कि बैंक ऑफ अमेरिका लीमन ब्रदर्स को खरीद सकता है। इससे ये अफवाह भी जोर पकड़ रही है कि दूसरे इनवेस्टमेंट बैंक इसी रास्ते पर चल सकते है। बैंक ऑफ अमेरिका और मेरिल लिंच के बीच सौदे के बारे में मेरिल लिंच अभी बात करने के लिए तैयार नहीं है जबकि बैंक ऑफ अमेरिका से इस बारे में संपर्क नहीं हो पाया है। इस सौदे से बैंक ऑफ अमेरिका की स्थिति इनवेस्टमेंट बैंकिंग के क्षेत्र में मजबूत होगी। इस करार के बाद बैंक ऑफ अमेरिका के पास अमेरिका का सबसे बड़ा ब्रोकरेज नेटवर्क होगा। साथ ही दुनिया का टॉप इनवेस्टमेंट बैंक और सबसे बेहतरीन इनवेस्टमेंट मैनेजर भी उसके होंगे। इस सौदे के लिए बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल के एक शेयर के 29 डॉलर दे रहा है। ये मेरिल लिंच के मौजूदा शेयर भाव से 70 परसेंट ज्यादा है। हालांकि इस कंपनी के शेयर मी में 50 डॉलर और जनवरी , 2007 में 90 डॉलर पर ट्रेड हो रहे थे दरअसल आप इसे सबप्राइम संकट का असर मान सकते हैं। लीमन ब्रदर्स के साथ भी यही हुआ है। पिछले एक साल में मेरिल लिंच के 4000 करोड़ डॉलर का कर्जा डूब गया। इसके बावजूद मेरिल लिंच को अब भी एक बेहतरीन कंपनी माना जाता है क्योंकि इसका ब्रोकरेज बिजनेस बेहद मजबूत है। एनालिस्ट इसके ब्रोकरेज बिजनेस की कीमत 2500 करोड़ डॉलर बता रहे हैं। दुनिया में किसी और कंपनी के पास इतने ज्यादा ब्रोकर नहीं हैं। साथ ही मेरिल लिंच जितने बड़े एसेट को मैनेज करती है , उसका भी दुनिया में कोई जोड़ नहीं है।

2 comments:

कामोद Kaamod said...

बढिया जानकारी .

Gyan Dutt Pandey said...

वाह, सिम्पल पर्सन की प्रोबिंग पोस्ट!
भैया यह तो हिन्दी ब्लॉग लेखन में एक वैक्यूम भर रहे हो। बहुत अच्छा!