Saturday, September 20, 2008

सेहतमंद रहने के लिए कुछ फंडे

भागमभाग भरी जिंदगी और बदलती जीवनशैली के चलते हृदय रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारतीय चिकित्सकों का कहना है कि देशी तरीके अपना कर दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। भुने चने, मक्का के फुल्ले [पापकार्न], मुरमुरे और चने व जौ के सत्तू का सेवन हृदय की सेहत के लिहाज से बेहद फायदेमंद है।
एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2010 तक दुनिया में मौजूद दिल के रोगियों की 60 फीसदी संख्या भारत में होगी। यानी भारत हृदय रोगियों की राजधानी बनने की ओर है। भयभीत करने वाले इन आंकड़ों के बीच हम इस बात से राहत महसूस कर सकते हैं कि देशी खान-पान से हृदय रोग का खतरा कम किया जा सकता है।
व‌र्ल्ड हार्ट अकादमी के अध्यक्ष डाक्टर एच. के. चोपड़ा और मैक्स हार्ट हास्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर प्रवीण चंद्रा के अनुसार मोटे अनाज दिल की बीमारी से लड़ने का सर्वोत्तम उपाय हैं। उनका कहना है कि खाने में नियमित रूप से भुने चने, पापकार्न, सत्तू व दलिया का सेवन कर दिल की अच्छी देखभाल की जा सकती है। डा. चोपड़ा व चंद्रा दसवीं हेल्थ राइट्स कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुरमुरे जैसे खाद्य पदार्थ रोजमर्रा के आहार में शामिल करने से शरीर में टोटल कोलेस्ट्राल और बैड कोलेस्ट्राल का स्तर कम किया जा सकता इनका बढ़ा स्तर ही लोगों को दिल का मरीज बनाता है। डा. चोपड़ा के अनुसार नशा, डिब्बाबंद खाना और तला भोजन हृदय का सबसे बड़ा दुश्मन है। तो इंतजार किस बात का है! बर्गर, पिज्जा और जंक फूड को तत्काल टा-टा कह दीजिए।

अगर
आप रोजाना एक्सरसाइज़ करते हैं, तो इससे आपका इम्यून सिस्टम ठीक रहता है। डेली रूटीन में तेज-तेज कदमों से चलना, पत्तों को इकट्ठा करना या बच्चों के साथ 20 से 30 मिनट तक खेलना आदि ऐक्टिविटी शामिल करें। अकसर लोग काम के दबाव में खाना खाना भूल जाते हैं, इसलिए जहां तक संभव हो ब्रेकफास्ट अवश्य लें। ब्रेकफास्ट में टोस्ट, फल व जूस लें। रात को खाना खाने के बाद अगर आप वॉक पर जाते हैं, तो हल्की वॉक लें, क्योंकि दिन के मुकाबले रात में पाचन क्षमता घट जाती है। कभी भी 5 घंटे से ज्यादा समय तक भूखे न रहें। अकसर लंबे समय तक कुछ न खाने के बाद जब आप लंच या डिनर करते हैं, तो भूख लगने के कारण कुछ अधिक ही खा लेते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। हमेशा फ्रीज में ताज़े फल व सब्जियां रखें और जब भूख लगे तो खा लें। आप रोजाना क्या खा रहे हैं, उसे डायरी में जरूरी लिखें। संभव हो, तो व्रत न रखें। अगर आप व्रत रखते भी हैं, तो उससे एक दिन पहले अच्छी डाइट लें। आपकी डाइट प्रोटीनयुक्त होनी चाहिए। अगर कभी आप खाना खाना भूल गए हैं, तो बाद में प्रोटीनयुक्त हैवी डाइट लें। अपनी डाइट में फाइबर जरूर शामिल करें। इससे मोटापा भी नहीं बढ़ता है और आप स्वस्थ्य भी रहते हैं।
मेरा विचार
शरीर को मोटर साइकिल जैसा सोचिये, अगर आप इसमें अच्छा क्वालिटी का पेट्रोल डालेंगें, इसकी समय समय पर सर्विसिंग करवायेंगें, इसको चमका के रखेंगें तो ये लंबे समय तक आपका साथ देगी अगर आप सोचे कि चलो पेट्रोल की जगह पानी डाल देतें हैं इसको क्या पता पड़ेगा उसको पता नहीं चलेगा आपने सही सोचा :) लेकिन जब ये बीच सफर में बंद हो जायेगी तो फिर मोटर साइकिल ( शरीर ) को दोष मत दीजिये क्योकि इसके सूत्रधार तो आप हैं :))

1 comment:

Gyan Dutt Pandey said...

अच्छा है। सेहत विषयक लेखन आप टटोल रहे हैं।
लेखन में विविधता प्रिय लगती है पर कुछ लोगों का विचार है कि अन्तत: विषय स्पेसिफिक ब्लॉग चलेंगे! :-)