कॉर्परट सेक्टर में महिलाएं लगातार तरक्की की सीढ़ियां चढ़ रही हैं। कंपनियां भी उन्हें लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। अगर मौजूदा कर्मचारी किसी महिला कर्मचारी को रेफर करते हैं, तो कंपनियां उन्हें 25 फीसदी एक्स्ट्रा बोनस दे रही हैं।
देश के कॉर्परट सेक्टर में नया ट्रेंड यह है कि महिला स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाए। इसकी वजह यह मानी जा रही है कि वे किसी भी हालात में बेहतर प्रफेशनल साबित होती हैं। तेल उत्पादन में जुड़ी कंपनी केयर्न इंडिया के डायरेक्टर (एचआर ऐंड अडमिनिस्ट्रेशन) पी. सेंथिलकुमार ने कहा कि महिलाओं के विचारों में विविधता होती है। हम महिलाओं को काफी प्राथमिकता देते हैं। उन्हें सभी कामों में बराबर का मौका देते हैं।
कंपनियों ने महिलाओं के नाम पर कई लाभों का भी इंतजाम कर रखा है, ताकि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में उनकी टीम से जुड़ें और बनी रहें। इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी कंपनी सीएससी के असोसिएट डायरेक्टर (एचआर) अनुज कुमार का कहना है कि हमारे देश में सांस्कृतिक मूल्यों का अब भी काफी महत्व है। यही कारण है कि हम कामकाजी महिलाओं के लिए काफी लचीला रुख अपनाते हैं। हमारी पहल के कारण ही कंपनी में महिला कर्मचारियों की संख्या पिछले साल 21 फीसदी हो गई, जबकि 2004 में यह महज 13 फीसदी थी।
काम के घंटों में लचीला रुख रखने के अलावा सीएससी ने महिला कर्मचारियों के लिए खास तौर से वेबसाइट तैयार की है, जिसे प्लैनेट डब्ल्यू का नाम दिया गया है। यह साइट विचारों के आदान-प्रदान के मंच के तौर पर काम करता है। अनुज कुमार का कहना है कि यह वेबसाइट 2006 में लॉन्च की गई और इसे काफी पसंद किया गया। कंपनी ने महिला कर्मचारियों के लिए रेग्युलर हेल्थ चेकअप का भी इंतजाम किया है।
मुंबई की मैनिजमंट कंसल्टंसी फर्म ईएसपी कंसल्टेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में पार्टनर आनंद वरदराजन का कहना है कि देश में अधिकांश कंपनियां महिला कर्मचारियों के साथ सहानुभूति रखती हैं। उन्हें बेहतर प्रफेशनल भी माना जाता है।
No comments:
Post a Comment