Monday, September 22, 2008

मोबाइल से मुनाफा कमाते कलाकार

कला के कद्रदान तो दुनिया में बहुत सारे लोग हैं लेकि न कला अमीरों की एक पहचान बन चुकी है।
किसी सामान्य आदमी के लिए कलात्मक चीजों को खरीदना आसान नहीं है और हर शहर में कला प्रदर्शनी के लिए कोई जगह भी नहीं होती। आप कल्पना करें कि अगर आपको कला की भूख मिटाने के लिए कलादीर्घा में नहीं जाना पड़े और वहां लाखों में बिकने वाली पेंटिंग आपको केवल 10 रुपये खर्च करने पर ही मिल जाए तो यह कैसा अनुभव होगा?हालांकि इसमें सिर्फ यही अंतर है कि 10 रुपये खर्च करके आप बेहतरीन पेंटिंग से अपने मोबाइल को खूबसूरत बना सकते हैं जबकि कलादीर्घा से लाई हुई लाखों की पेंटिंग से आप अपने घर को सजा सकते हैं। जी हां अब आप किसी फोटोग्राफर की ली हुई तस्वीर को अपने मोबाइल पर वैल्यू एडेड सर्विस प्लेयर(वीएएस) के जरिए डाउनलोड कर सकते हैं।आकाश दास पेशे से फोटोग्राफर हैं और उन्होंने 100 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता है। हाल ही में उन्होंने अपनी फोटोग्राफी एक्जीबिशन लगाई है, 'एशियन न्यूड्स इन दी जंगल' और 'एशियन न्यूड्स इन दी अरबन जंगल'। एक्जीबिशन की इन तस्वीरों को मोबाइल हैंडसेट पर अपलोड किया जा सकता है। दास ने हैंडिगो के साथ एक गठजोड़ किया है जो उनकी तस्वीरों को टेलीकॉम सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनियों के जरिए मोबाइल पर वितरण का काम करेगी। दास का कहना है, 'मेरे मन में ऐसा विचार इसलिए आया क्योंकि मुझे लगा कि मैं मोबाइल के जरिए कला प्रेमियों तक अपनी कला को पहुंचा सकता हूं।' अपनी कला प्रदर्शनी के पहले भाग 'एशियन न्यूड्स इन दी जंगल' के बारे में दास का कहना है कि इसमें कॉर्बेट नेशनल पार्क और बांधवगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के जंगली जानवरों खासतौर पर शेर और हाथियों पर काम किया गया है। दूसरे भाग 'एशियन न्यूड्स इन दी अरबन जंगल' में उन्होंने नारी सौंदर्य को अपने रचनात्मक काम के जरिए पेश किया है।'आर्ट ऑन मोबाइल' के इस कॉन्सेप्ट से कलाकारों के लिए नए मौके तैयार होंगे और यह बिजनेस के लिहाज से भी खास है। वीएएस प्लेयर से डाउनलोड के जरिए होने वाली कमाई में दास का भी हिस्सा होगा। कंपनी ने हैंडिगो सर्वर पर तस्वीरों को दो दिन उपलब्ध कराया जिससे 50,000 बार तस्वीरों को डाउनलोड किया गया। एक बार एक तस्वीर को डाउनलोड करने में 10 रुपये लग जाते हैं।वैल्यू एडेड सर्विसेज ने दुनिया में कई संभावनाओं को विस्तार दिया है। सेल्यूलर इंडस्ट्री अपने ग्राहकों को लुभाने के तमाम विकल्पों पर काम कर रहे हैं। हैंडिगो के संस्थापक और सीईओ प्रवीण राजपाल का कहना है, 'बेहतर क्वालिटी वाले नोकिया, एचटीसी, सैमसंग और आईफोन ने बड़े स्क्रीन, बेहतर डिसप्ले और अच्छे म्यूजिक सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं मिल रही हैं। इस तरह की पहल दरअसल वीएएस के जरिए कलात्मकता को बेहतर आयाम देना है।' देश में लगभग 29.6 करोड़ सेल्यूलर उपभोक्ता हैं जिसमें हर महीने औसतन 80 लाख उपभोक्ता और जुड़ जाते हैं। इसी वजह से निश्चित तौर पर मोबाइल लोगों तक अपनी पहुंच बनाने का बेहतर साधन है। अनुमान ऐसा है कि इस साल वीएएस सुविधा से लैस मोबाइल का मार्केट लगभग साढ़े पांच से छह हजार करोड़ है।

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