Monday, September 15, 2008

न्यारे बंगले के नाम पर अरबों के वारे-न्यारे

डीडीए की हाउसिंग स्कीम के लिए करीब 10 लाख लोगों में से केवल 5,000 को ही फ्लैट मिलेंगे, लेकिन बैंकों और डीडीए की जरूर पौ बारह हो गई है। डीडीए की इस हाउसिंग स्कीम के लिए करीब 10 लाख फॉर्म जमा हो चुके हैं। डीडीए को केवल फॉर्म की बिक्री से 10 करोड़ रुपये आ जाएंगे। फ्लैट के लिए बुकिंग अमाउंट बैंक फाइनैंस कर रहे हैं और उन्हें ब्याज के तौर पर ही करीब 600 अरब रुपये मिल जाएंगे। इसके अलावा डेढ़ लाख रुपये प्रति फ्लैट के हिसाब से डीडीए के नाम जमा होगा, उसका ब्याज करीब 500 अरब रुपये बैठता है। यानी लोगों को फ्लैट मिलने से पहले बैंक और डीडीए जरूर मालामाल हो जाएंगे। डीडीए की हाउसिंग स्कीम के लिए फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख 16 सितंबर यानी मंगलवार है। इस हाउसिंग स्कीम को फाइनैंस करने के लिए बैंकों में होड़ मची हुई है। सभी फ्लैटों के लिए डीडीए ने डेढ़ लाख रुपये बुकिंग अमाउंट रखा हुआ है। इस भुगतान के लिए बैंक लोगों से ब्याज के तौर पर पांच से लेकर नौ हजार रुपये तक अडवांस में ले रहे हैं। यह राशि बैंक ब्याज के तौर पर वसूल रहे हैं, जिसमें प्रोसेसिंग फीस भी शामिल है। यानी आपका फ्लैट निकले या न निकले, यह राशि जरूर बैंकों को मिल जाएगी। कोई बैंक तीन महीने का ब्याज ले रहा है तो कोई छह महीने का। इस राशि के साथ बैंक लोगों से एक ब्लैंक चेक भी ले रहे हैं, यानी अगर डीडीए के फ्लैटों का ड्रॉ निकलने में देरी हुई तो आपको और भी राशि देनी पड़ेगी। डीडीए की पिछली हाउसिंग स्कीम का ड्रॉ निकलने में छह महीने से ज्यादा का समय लग गया था। अगर 10 लाख लोगों से औसतन 6,000 रुपये चार महीने के ब्याज के तौर पर वसूले गए तो बैंकों को 600 अरब रुपये की कमाई होगी। डीडीए ने फॉर्म की कीमत 100 रुपये रखी है। यानी 10 लाख फॉर्म बिकने से ही डीडीए को 10 करोड़ रुपये की आय होगी। डीडीए की हाउसिंग स्कीम के लिए फाइनैंस करने वाले बैंक डेढ़ लाख रुपये की अग्रिम राशि 16 सितंबर को डीडीए के नाम से जमा कर देंगे। अगर बैंक इस राशि पर 10 फीसदी की दर से डीडीए को चार महीने का ब्याज देते हैं तो भी यह राशि 500 अरब बैठती है। इस राशि को अगर 5,000 फ्लैटों में बांटकर देखा जाए तो एक फ्लैट पर ब्याज 10 लाख रुपये बैठता है। डीडीए ने कई फ्लैटों की कीमत 8 लाख रुपये भी है। यानी इस ब्याज से ही इन फ्लैटों की कीमत निकल आएगी।

2 comments:

Anonymous said...

सही है गणित.. हिंग लगे ना फिटकरी.. रंग चोखा आये.. जय DDA

Gyan Dutt Pandey said...

आश्चर्य नहीं हुआ। मीडिया वाले एसएमएस तकनीक से इससे बढ़िया तरीके से पैसा खींचते हैं।