आमतौर पर 'कद्दू' के नाम का इस्तेमाल किसी को चिढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन, यह सब्जी अपने भीतर इतने औषधीय गुण समेटे है कि आप पढ़ कर हैरान रह जाएंगे।
आहार विशेषज्ञ सीमा भटनागर का कहना है कि कद्दू हृदयरोगियों के लिए बेहद लाभदायक है। यह कोलेस्ट्राल कम करता है, ठंडक पहुंचाने वाला और मूत्रवर्धक होता है। यह पेट की गड़बड़ियों में भी असरदायक है। उन्होंने बताया कि कद्दू रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है और पेंक्रियाज को सक्रिय करता है। इसी वजह से चिकित्सक मधुमेह रोगियों को कद्दू खाने की सलाह देते हैं। इसका जूस भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
सीमा ने बताया कि इसे डंठल की ओर से काटकर तलवों पर रगड़ने से शरीर की गर्मी बाहर निकल जाती है। सीमा के अनुसार लंबे समय के बुखार में भी कद्दू असरकारी प्रभाव छोड़ता है। हींग और नमक डालकर पकाई गई इसकी सब्जी खाने से बुखार का आभास दूर हो जाता है। कद्दू में मुख्य रूप से बीटा केरोटीन पाया जाता है, जिससे विटामिन ए मिलता है। पीले और संतरी रंग के कद्दू में केरोटीन की मात्रा अधिक होती है। कद्दू के बीज भी आयरन, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं।
ऐसा माना जाता है कि कद्दू की उत्पत्तिउत्तारी अमेरिका में हुई। यह अंटार्कटिका के अलावा सभी महाद्वीपों में पाया जाता है। दुनिया भर में इस्तेमाल होने की वजह से ही 29 सितंबर को 'पंपकिन डे' के रूप में मनाया जाता है। उम्मीद है कि इस खबर को पढ़ने के बाद आपकी नजर में भी कद्दू का कद बढ़ जाएगा।
आहार विशेषज्ञ सीमा भटनागर का कहना है कि कद्दू हृदयरोगियों के लिए बेहद लाभदायक है। यह कोलेस्ट्राल कम करता है, ठंडक पहुंचाने वाला और मूत्रवर्धक होता है। यह पेट की गड़बड़ियों में भी असरदायक है। उन्होंने बताया कि कद्दू रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है और पेंक्रियाज को सक्रिय करता है। इसी वजह से चिकित्सक मधुमेह रोगियों को कद्दू खाने की सलाह देते हैं। इसका जूस भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
सीमा ने बताया कि इसे डंठल की ओर से काटकर तलवों पर रगड़ने से शरीर की गर्मी बाहर निकल जाती है। सीमा के अनुसार लंबे समय के बुखार में भी कद्दू असरकारी प्रभाव छोड़ता है। हींग और नमक डालकर पकाई गई इसकी सब्जी खाने से बुखार का आभास दूर हो जाता है। कद्दू में मुख्य रूप से बीटा केरोटीन पाया जाता है, जिससे विटामिन ए मिलता है। पीले और संतरी रंग के कद्दू में केरोटीन की मात्रा अधिक होती है। कद्दू के बीज भी आयरन, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं।
ऐसा माना जाता है कि कद्दू की उत्पत्तिउत्तारी अमेरिका में हुई। यह अंटार्कटिका के अलावा सभी महाद्वीपों में पाया जाता है। दुनिया भर में इस्तेमाल होने की वजह से ही 29 सितंबर को 'पंपकिन डे' के रूप में मनाया जाता है। उम्मीद है कि इस खबर को पढ़ने के बाद आपकी नजर में भी कद्दू का कद बढ़ जाएगा।
2 comments:
कद्दू सब का दोस्त है। खास तौर पर गरीब का। सब से सस्ता और गुणकारी। धन्यवाद।
काफी उपयोगी जानकारी दी है आपने. सोचती हूँ आज कद्दू ही बम दूँ. अगर बच्चे नाराज़ हुए तो गलती आपकी. :)
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