एक कंपनी के सीईओ को उनके ही बर्खास्त कर्मचारियों ने पीट-पीटकर मार डाला है। इन कर्मचारियों को मैनेजमंट ने बातचीत के लिए बुलाया था। बातचीत सफल नहीं हो सकी और मीटिंग बिना किसी फैसले के खत्म हो गई। उसके बाद कंपनी के आंगन में ही झगड़ा हो गया। इसी दौरान हुई मारपीट में सीईओ एल। के. चौधरी की मौत हो गई। नोएडा के एसएसपी आर. के. चतुर्वेदी ने बताया कि ग्रैडियानो कंपनी के सीईओ एल. के. चौधरी को उनके कर्मचारियों ने पीट-पीटकर मार डाला। झगड़ा होने पर सिक्यूरिटी गार्ड ने हवा में फायर भी किए। इस झगड़े में कुल 20 लोग घायल हुए। चौधरी को फौरन अस्पताल ले जाया गया , लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जब यह घटना घटी , तब कंपनी के आंगन में करीब 200 पूर्व कर्मचारी थे। उन्हें दो महीने पहले बर्खास्त किया गया था और तब से वे प्रदर्शन कर रहे थे।
मेरा गणित
१। सीईओ को सदैव अपने बोनस या कंपनी के बारे में नहीं सोचना चाहिए
२। लोकतंत्र में सीईओ सामंतवादी नहीं होना चाहिए
३ कर्मचारी वर्ग को नौकरी निष्कासन को जीवन का अंत नहीं मानना चाहिए
४। सीईओ को कर्मचारी वर्ग को अपने परिवार का हिस्सा मानना चाहिए
५। कर्मचारी वर्ग को नौकरी निष्कासन पर उस कंपनी में आवेदन करना चाहिए जहाँ उनके योग्यताओं की माँग है
1 comment:
अजब बात है!
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